"हिंदी कविता (रीतिकालीन) सहायिका/बिहारी": अवतरणों में अंतर

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बिहारी लाल का नाम हिन्दी साहित्य के रीति काल के कवियों में महत्त्वपूर्ण है। बिहारी लाल की एकमात्र रचना 'बिहारी सतसई' है। यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं।
[[File:Bihari Lal.jpg|thumb|]]