"देशप्रेम की कविताएं/मेरे नगपति मेरे विशाल - रामधारी सिंह दिनकर": अवतरणों में अंतर
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<poem>मेरे नगपति! मेरे विशाल!
साकार, दिव्य, गौरव विराट्,
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