"भाषा विज्ञान और हिन्दी भाषा/शब्द और पद में अंतर और हिन्दी शब्द भण्डार के स्रोत": अवतरणों में अंतर

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==== अंग्रेजी से ====
लगभग ई.स. 1500 से यूरोप के लोग भारत में आते-जाते रहे हैं, किन्तु करीब तीन सौ वर्षों तक हिन्दी भाषी इनके सम्पर्क में नहीं आए, क्योंकि यूरोपीय लोग समुद्र के रास्ते से भारत में आए थे; अतः इनका कार्यक्षेत्र प्रारम्भ में समुद्र तटवर्ती प्रदेशों में ही रहा है, लेकिन १८18वीं वी. शतीसदी के उत्तराध्र से अंग्रेज समूचे देश में फैलने लगे। ई.स. 1800 के लगभग हिन्दी भाषा प्रदेश मुगलों के हाथ से निकलकर अंग्रेजी शासन में चला गया। तब से लेकर ई.स. १९४७ तक अंग्रेजों का शासन रहा। इस शासन काल के दौरान अंग्रेजी भाषा और सभ्यता को प्रधानता प्राप्त हुई। स्वाधीनता प्राप्ति के बाद भी अंग्रेजी भाषा का महत्व कम नहीं हुआ। परिणामस्वरूप सभी भारतीय भाषा में अंग्रेजी के बेशुमार शब्दों का प्रयोग होता आ रहा है। यद्यपि डॉ. हरदेव बाहरी के अनुसार अंग्रेजी के हिन्दी में प्रचलित शब्दों की संख्या चार-पाँच सौ अधिक नहीं है, लेकिन वास्तव में यह संख्या तीन हजार से कम नहीं होगी। तकनीकी शब्दों को जोड़ने पर यह संख्या दुगुनी हो जाएगी। जैसे- 'अपील', 'कोर्ट', 'मजिस्ट्रेट', 'जज', 'पुलिस', 'पेपर', 'स्कूल', 'टेबुल', 'पेन', 'मोटर', 'इंजन' आदि।
 
इस प्रकार हिन्दी भाषा ने देश-विदेश की अनेक भाषाओं से शब्द ग्रहण कर अपने शब्द भण्डार में महत्वपूर्ण वृद्धि कर ली है।