व्याकरण भास्कर
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परिभाषा-संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त किए जाने वाले शब्द सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे- मैं, व, तुम, यह, हम, वह,जो, जिस, कौन, किस आदि।

सर्वनाम के भेद-

सर्वनाम के छः भेद हैं-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम/संकेतवाचक सर्वनाम

पुरुषवाचक सर्वनाम सम्पादन

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग कहने सुनने वाले के लिए किया जाता है, वे पुरुषवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

इसके तीन भेद है

(क) उत्तम पुरुष (ख)मध्यम पुरुष (ग) अन्य पुरुष

उत्तम पुरुष सम्पादन

सर्वनाम के जिस रुप से बोलने या कहने वाले का बोध होता है, वह उत्तम पुरुष कहलाता है।

जैसे - मैं रांची जाऊंगी।

यहां 'मैं' उत्तम पुरुष है।

मध्यम पुरुष सम्पादन

सर्वनाम के जिस रुप से सुनने वाले का बोध होता है, वह मध्यम पुरुष कहलाता है

जैसे - तुम कहां जा रहे हो।

आप यहां आओ।

यहां 'तुम' और 'आप' मध्यम पुरुष है।

अन्य पुरुष सम्पादन

सर्वनाम के जिस रूप का प्रयोग बोलने अथवा सुनने के अतिरिक्त अन्य किसी के लिए किया जाता है, वह अन्य पुरुष कहलाता है।

जैसे यह किसकी किताब है।

यहां 'यह'अन्य पुरुष है।

निश्चयवाचक सर्वनाम सम्पादन

जिन सर्वनाम शब्दों से पास अथवा दूर के व्यक्तियों और वस्तुओं का निश्चित संकेत स्पष्ट होता है, वे निश्चयवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे - यह मेरी गाड़ी है।

वह मेरी कलम है।

अनिश्चय वाचक सर्वनाम सम्पादन

जिन सर्वनाम शब्दों से निश्चय व्यक्ति अथवा वस्तु का पता नहीं चलता, वे अनिश्चयवाचक कहलाते हैं।

जैसे - दाल में ‘कुछ’ गिर गया है।

संबंधवाचक सर्वनाम सम्पादन

जिन सर्वनाम शब्दों का संबंध वाक्य के दूसरे शब्दों से प्रकट हो, वे संबंधवाचक सर्वनाम कहलाते हैं

जैसे- 'जो' परिश्रम करता है वह सफल होता है।

प्रश्नवाचक सर्वनाम सम्पादन

जिन सर्वनाम शब्दों का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, वे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे - 'वह' कौन गा रही है।

निजवाचक सर्वनाम सम्पादन

जो सर्वनाम शब्द का बोध कराते हैं, वे निजवाचक सर्वनाम कहलाते हैं।

जैसे-अपना कम स्वय करो।