शिव स्तुति/कर्पूरगौरं
कर्पूरगौरं करुणावतारं
संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।
सदावसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानीसहितं नमामि ॥
अर्थ:- कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले। करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं समस्त सृष्टि के जो सार हैं। जो सांप को हार के रूप में धारण करते हैं। जो भगवान् शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं उनको मेरा नमन है।
“कर्पूरगौरं” शब्द का अर्थ होता है “कर्पूर जैसी सफेदता धारण करने वाले और गौर रंग के जैसे स्वच्छ होने वाले”। “करुणावतारं” का अर्थ होता है “दयालु अवतार”। जो याचना और करुणा का प्रतीक है