संयुक्त राष्ट्र संघ और वैश्विक संघर्ष/सुरक्षा परिषद्
सुरक्षा परिषद्(Security Council)
- यह परिषद् अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए उत्तरदायी है।
- यह सेक्रेटरी जनरल की नियुक्ति एवं नए सदस्य के रूप में राष्ट्रों के लिए सिफारिश करती है।
- कुल सदस्यों की संख्या 15 होती हैं।:-
- 5 स्थायी सदस्य (चीन, जापान, रुसीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम), जिनके पास "वीटो पावर" अर्थात सुरक्षा परिषद् के किसी भी निर्णय को अस्वीकार करने का अधिकार होता है।
- 10 अस्थायी सदस्य , जो महासभा द्वारा दो साल के लिए चुने जाते हैं।
- सुरक्षा परिषद् की बैठक कभी भी आपातकालीन स्थिति में बुलाई जा सकती है, जब कभी भी अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा संकट में हो।
- सुरक्षा परिषद् का निर्णय, "संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव" (UN Security Council Resolution )के नाम से जाना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र के अनुसार शांति एवं सुरक्षा बहाल करने की प्राथमिक जिम्मेदारी सुरक्षा परिषद् की होती है।इसके फैसले को पालन करना सभी राज्यों के लिए अनिवार्य है। इसमें 15 देश सदस्य के रूप में शामिल होते हैं। जिनमें पाँच देश स्थायी,और दस अस्थाई देशों का चुनाव महासभा में स्थायी सदस्यों द्वारा किया जाता है। चयनित सदस्य देशों का कार्यकाल 2 वर्षों का होता है।
कार्य (Work)
सम्पादन- विश्व में शांति एवं सुरक्षा बनाए रखना।
- हथियारों की तस्करी को रोकना।
- आक्रमणकर्ता राज्य के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही करना।
- आक्रमण को रोकने या बंद करने के लिए राज्यों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाना।
संरचना (Structure)
सम्पादनसुरक्षा परिषद् (Security Council) के वर्तमान समय में 15 सदस्य देश हैं जिसमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी हैं। 1963 में चार्टर संशोधन किया गया और अस्थायी सदस्यों की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई। अस्थायी सदस्य विश्व के विभिन्न भागों से लिए जाते हैं जिसके अनुपात निम्नलिखित हैं :–
- 2 सदस्य पश्चिमी देशों से ।
- 5 सदस्य अफ्रीका,एशिया से ।
- 2 सदस्य लैटिन अमेरिका से ।
- 1 सदस्य पूर्वी यूरोप से ।
चार्टर के अनुच्छेद 27 में मतदान का प्रावधान दिया गया है। सुरक्षा परिषद् में “दोहरे वीटो का प्रावधान” है । पहले वीटो का प्रयोग सुरक्षा परिषद् के स्थायी सदस्य किसी मुद्दे को साधारण मामलों से अलग करने के लिए करते हैं। दूसरी बार वीटो का प्रयोग उस मुद्दे को रोकने के लिए किया जाता है। सुरक्षा परिषद् में किसी भी कार्यवाही के लिए 9 सदस्यों की आवश्यकता होती है। किसी भी एक सदस्य की अनुपस्थिति में वीटो अधिकार का प्रयोग स्थायी सदस्यों द्वारा नहीं किया जा सकता ।