भारत और जापान की नौ-सेनाओं द्वारा हिंद महासागर में संयुक्त युद्धाभ्यास का आयोजन किया गया। जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (Japan Maritime Self Defense Force) द्वारा इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौ-सेनाओं के बीच परस्पर समन्वय बढ़ाना था। इस संयुक्त युद्धाभ्यास में भारत की तरफ से आईएनएस राणा (INS Rana) और आईएनएस कुलिश (INS Kulish) तथा जापान की तरफ से जेएस काशिमा (JS Kashima)और जेएस शिमायुकि (JS Shimayuki) ने भाग लिया। नई दिल्ली स्थित जापानी दूतावास के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में दोनों देशों के बीच आयोजित यह 15वाँ संयुक्त सैन्य अभ्यास था।

दोनों देशों के बीच समय-समय द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जाता है और ‘मालाबार नौसैनिक युद्धाभ्यास’ के तहत अमेरिका के साथ संयुक्त युद्धाभ्यास में शामिल होती हैं। जापान ने चीन के साथ डोकलाम विवाद के समय भारत का समर्थन किया था

भारत-जापान संबंधों में प्रगति: भारत को पोखरण-II (वर्ष 1998) परमाणु परीक्षण के समय जापान से काफी विरोध का सामना करना पड़ा और जापान इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र तक ले जाने के लिये भी तैयार था। परंतु पिछले 22 वर्षों में भारत-जापान संबंधों में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई है और विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग में भी वृद्धि हुई है। जापान और भारत के संबंधों की मज़बूती का मुख्य कारण हिंद-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता के प्रति दोनों का साझा दृष्टिकोण तथा क्षेत्र की समान सुरक्षा चुनौतियाँ हैं। भारत और जापान दोनों ही देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य है। साथ ही दोनों देश G-4 समूह (भारत, ब्राजील, जर्मनी और जापान) के सदस्य हैं, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( United Nations Security Council-UNSC) की स्थायी सदस्यता के लिये एक दूसरे की दावेदारी का समर्थन करते हैं। मई 2019 में भारत और जापान दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और फिलीपींस के साथ संयुक्त नौसैनिक युद्धाभ्यास में भी शामिल हुए थे। इसके अतिरिक्त दोनों देशों की वायु सेनाओं के द्वारा “शिन्यु मैत्री” (Shinyuu Maitri) और थल सेनाओं द्वारा ‘धर्म गार्जियन’ (DHARMA GUARDIAN) नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन किया जाता है।

19 वर्षों के अंतराल के बाद किसी भारतीय राष्ट्रपति ने जापान की यात्रा

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भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने अक्टूबर 2019 थी। जापान की यात्रा की की है। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने इम्पीरियल पैलेस में आयोजित सम्राट नारुहितो (Emperor Naruhito) के सिंहासन पर आरूढ़ होने से संबंधित समारोह में भाग लिया।

इस अवसर पर उन्होंने सकुजी होंगवांजी बौद्ध मंदिर (Tsukiji Hongwanji Buddhist Temple) का दौरा किया तथा बोधगया से लाए गए एक पौधे को भी लगाया।

उन्होंने शिंटो मैजी जी नामक तीर्थस्थल (Shinto Meiji Shrine) का भी दौरा किया तथा गोटेम्बा पैगोडा (Gotemba Pagoda) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की। उन्होंने टोक्यो में भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया तथा प्रगतिशील और समृद्ध भारत के निर्माण हेतु उनका समर्थन भी मांगा। उन्होंने जापान के काकेगावा स्थित सेई नो सेटो (Sai no Sato) में श्री सत्य साईं सनातन संस्कृति परियोजना की आधारशिला भी रखी। सिनो सोटो को अक्षरधाम और स्वामीनारायण मंदिर के समान विकसित किया जाएगा, जिससे भारतीय पारंपरिक संस्कृति को प्रोत्साहन दिया जा सके।

भारत-जापान संबंध भारत व जापान दोनों देश रक्षा, विज्ञान तथा व्यापार के क्षेत्र में सहयोग के साथ मजबूत संबंधों को साझा करते हैं।

  1. 2014 में भारत व जापान दोनों देशों ने अपने संबंधों को 'विशेष रणनीतिक और वैश्विक भागीदारी' (Special Strategic and Global Partnership) की ओर बढ़ाया।
  2. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे (Mumbai-Ahmedabad High Speed Railway- MAHSR) भारत तथा जापान के बीच रेलवे क्षेत्र में सहयोग का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है।
  3. अक्तूबर 2018 में भारत के प्रधानमंत्री की जापान यात्रा के दौरान ‘भारत-जापान डिजिटल साझेदारी’ (India-Japan Digital Partnership, I-JDP) की शुरुआत की गई।
  4. अगस्त 2011 में भारत-जापान व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (India-Japan Comprehensive Economic Partnership Agreement- CEPA) को लागू किया गया जो वस्तुओं, सेवाओं, निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, सीमा शुल्क प्रक्रिया तथा व्यापार से संबंधित अन्य मुद्दों को कवर करता है।
  5. भारत व जापान के बीच जिमैक्स (JIMEX), शिन्यु मैत्री (SHINYUU Maitri) तथा धर्म गार्जियन (Dharma Guardian) नामक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यासों का आयोजन किया जाता है।

दोनों देश संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ मालाबार अभ्यास (Malabar Exercise) में भी भाग लेते हैं।