साँचा:सरस्वती प्रार्थना
हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे ।। हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे ।। जग सिरमौर बनाएँ भारत, वह बल विक्रम दे । वह बल विक्रम दे ।। हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे ।।
साहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग-तपोमय कर दे । साहस शील हृदय में भर दे, जीवन त्याग-तपोमय कर दे । संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे । संयम सत्य स्नेह का वर दे, स्वाभिमान भर दे । हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे ।।
लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम, मानवता का त्रास हरें हम । लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम, मानवता का त्रास हरें हम । सीता सावित्री दुर्गा मां, फिर घर-घर भर दे । सीता सावित्री दुर्गा मां, फिर घर-घर भर दे । हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी, अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे । अम्ब विमल मति दे ।।