सरकार- का काम देश की सीमाओं की सुरक्षा करना और दूसरे देशोें से शांतिपूर्ण संबंध बनाए रखना भी है।उसकी जिम्मेदारी यह सुनिश्चत करना है कि देश के सभी नागरिकों पर्याप्त भोजन और अच्छी स्वास्थय सुविधाएँ मिलें।लोकतंत्र में मूलभूत विचार यह है कि लोग नियमों को बनाने में भागीदार बनकर खुद ही शासन करें।

मताधिकार के लिए संघर्ष
पूरे यूरोप और अमरीका में महिलाओं और गरीबों को मताधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ा।प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिला मताधिकार आंदोलन(सफ्रेज मूवमेंट) जोर पकड़ा। युद्ध के दौरान बहुत से पुरुष लड़ाई में थे, इसीलिए महिलाओं को उन कामों पर लगाया गया जिन्हे पहले पुरुषों का माना जाता था।महिलाओं द्वारा किए गए कार्यो और उनकी व्यवस्था देखकर लोगों को बडा आश्चर्य हुआ कि उन्होंने महिलाओं और उनकी क्षमताओं के बारे में क्योें इतनी गलत रूढिबद्ध धारणाएँ बना रखीं थीं कि महिलाएँ ये काम नहीं कर सकतीं।

अमरीका मे औरतों को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला,जबकि इंग्लैंड में 1928 में मिला।

लोकतंत्र में जनभागीदारी के संबंध में 1931 में यंग इंडिया पत्रिका में गाँधीजी लिखते हैं"मैं यह विचार सहन नहीं करक सकता कि जिस आदमी के पास संपत्ति है वह वोट दे सकता है,लेकिन वह आदमी जिसके पास चरित्र है पर संपत्ति या शिक्षा नहीं, वह वोट नहीं दे सकता या जो दिनभर अपना पसीना बहाकर ईमानदारी से काम करता है।वह वोट नहीं दे सकता क्योंकि उसने गरीब आदमी होने का गुनाह किया है..। "[]

कार्टूनिस्ट आर.के. लक्ष्मण का मानना है कि "लोकतंत्र में एक कार्टूनिस्ट का काम है कि कार्टूनों के जरिए वह अपने अधिकारों का प्रयोग आलोचना करने, व्यंग करने तथा राजनेताओं की गलतियों को ढ़ूँढ़ने के काम में करे।"

लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व

  1. 1.लोगों की भागीदारी-लोकतंत्र में चुनावों में वोट देकर,सरकार के कार्यों में रूची लेकर और उनकी आलोचना करके अपनी भागीदारी निभाते हैं।धरना,जुलूस,हड़ताल,हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से लोग अपनी राय व्यक्त कर सकते हैे।इसके जरिए जो बातें गलत और न्यायसंगत नहीें हैं,उन्हें सामने लाया जाता है। आंदोलन भागीदारी का एक अन्य माध्यम है।दलित,आदिवासी,अल्पसंख्यक,महिला एवं अन्य लोगों की भागीदारी अक्सर इन आंदोलनों के जरिए ही हो पाती है।
  2. 2.विवादों का समाधान-विवाद तब उभरता है जब विभिन्न संस्कृतियों,धर्मों,क्षेत्रों और आर्थिक पृष्ठभूमियों के लोग एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते।भेदभाव विवाद का एक अन्य कारण है।कर्नाटक और तमिलनाडु क बीच कावेरी नदी जल विवाद काफी पुराना है। कर्नाटक का कृष्णसागर बाँध कावेरी नदी के ऊपरी छोर पर है जिससे पानी छोड़ने पर हीं तमिलनाडु का मेटूर बाँध में पानी भर सकता है जो कि कावेरी नदी के नीचले छोर पर स्थित है।
  3. 3.समानता एवं न्याय-अस्पृश्यता का अंत,लड़के और लड़कियों के मध्य सामाजिक समानता की स्ठापना।

अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस और उनके जाने-माने नेता नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के खिलाफा बहुत लंबे समय तक संघर्ष किया। फलत:1994 में दक्षिण अफ्रीका एक लोकतांत्रिक देश बना।

  1. 6th सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-१