सामाजिक सशक्तीकरण,संप्रदायवाद,क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता
लिब्रहान आयोग हाल ही में अयोध्या फैसले पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी की तुलना वर्ष 1992 में गठित लिब्रहान आयोग (Liberhan Commision) की रिपोर्ट से की गई। न्यायालय ने कहा कि बाबरी मस्जिद गिराया जाना एक ‘सोचा-समझा कृत्य’ था। इसका गठन न्यायमूर्ति मनमोहन सिंह लिब्रहान की अध्यक्षता में वर्ष 1992 में बाबरी विध्वंस मामले की जाँच के लिये किया गया था। इस रिपोर्ट के अनुसार,अयोध्या में सारा विध्वंस ‘योजनाबद्ध’ तरीके से किया गया था। इस आयोग की रिपोर्ट जून 2009 में तत्कालीन प्रधानमंत्री को सौंपी गई। यह देश में अब तक का सबसे लंबा चलने वाला जाँच आयोग है,जिस पर करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।