सामान्य अध्ययन २०१९/संवैधानिक,सांविधिक तथा अर्धन्यायिक संस्थान
सांविधिक संस्थान
सम्पादन- भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सूचना के अधिकार के नए नियम अर्थात् सूचना का अधिकार (मुख्य सूचना आयुक्त, केंद्रीय सूचना आयोग में सूचना आयुक्त, राज्य मुख्य सूचना आयुक्त और राज्य सूचना आयोग में राज्य सूचना आयुक्त के कार्यकाल, वेतन, भत्ते तथा अन्य नियम व सेवा शर्तें) नियम, 2019 को किया गया है।
नए नियम के तहत सूचना आयुक्तों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित किया गया है, जबकि 2005 के नियमों के अनुसार यह पाँच वर्ष था। सरकार को सूचना आयुक्त की "सेवा की शर्तों" के संदर्भ में निर्णय लेने का विवेकाधिकार दिया गया है किंतु इसके लिये नए नियम में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं किया गया है। मुख्य सूचना आयुक्त का वेतन 2.5 लाख रुपए और सूचना आयुक्त का वेतन 2.25 लाख रुपए निर्धारित किया गया है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिये भारतीय राजस्व सेवा के दो पूर्व अधिकारियों मधु महाजन तथा बी. मुरली कुमार को विशेष व्यय पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया।
व्यय पर्यवेक्षकों का कार्य चुनाव के दौरान सभी गतिविधियों और खुफिया इनपुट्स पर कार्यवाही की निगरानी करना है। निर्वाचन आयोग, संविधान के अनुच्छेद-324 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम (Representative Of Peoples Act),1951 की धारा 20 B के तहत प्राप्त शक्तियों के आधार पर व्यय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति करता है। इसके अतिरिक्त व्यय पर्यवेक्षकों का कार्य सीविज़िल (CIVIJIL) और मतदाता हेल्पलाइन 1950 के माध्यम से प्राप्त शिकायतों पर कठोर और प्रभावी कार्यवाही करना है। देश में साइबर अपराधों से निपटने के लिये CBI एक अत्याधुनिक केंद्रीकृत प्रौद्योगिकी वर्टिकल (Centralized Technology Vertical-CTV) का निर्माण कर रही है जो अगले वर्ष तक पूरा हो जाएगा। CTV एक प्रौद्योगिकी केंद्र होगा जो डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण, फोरेंसिक अकाउंटिंग एंड फ्रॉड एनालिटिक्स से संबंधित मामलों की जाँच हेतु CBI की क्षमता में वृद्धि करेगा।
- राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (National Council of Science Museums- NCSM) संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
वर्तमान समय में NCSM राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर विज्ञान संचार के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण संस्थान बन गया है। यह संगठन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रयोग को प्रेरित करने के लिये यात्रा तथा अल्पकालिक प्रदर्शनियों, मोबाइल विज्ञान प्रदर्शनियों जैसे शैक्षिक कार्यक्रमों का आयोजन करता है।
- पर्यावरण,वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद तथा राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला को वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरणों को प्रमाणित करने हेतु सत्यापन एजेंसी के रूप में नामित किया है।
CSIR विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन कार्य करता है। CSIR विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्रों में अग्रणी समसामयिक अनुसंधान एवं विकास संगठन है। यह अंतरिक्ष भौतिकी, महासागर विज्ञान, भू-भौतिकी, रसायन, औषध, जीनोमिकी, जैव प्रौद्योगिकी और नैनो प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय इंजीनियरिंग तथा सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में कार्य कर रहा है। CSIR का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है तथा इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission-CVC) ने पूर्व सतर्कता आयुक्त टी.एम. भसीन की अध्यक्षता में बैंकिंग धोखाधड़ी के लिये सलाहकार बोर्ड (Advisory Board for Banking Frauds-ABBF) का गठन किया है।
यह एक चार सदस्यीय बोर्ड है और इसमें टी.एम. भसीन के अतिरिक्त 3 अन्य सदस्य (मधुसूदन प्रसाद, डी.के. पाठक, सुरेश एन. पटेल) और हैं। बोर्ड का मुख्य कार्य 50 करोड़ रुपए से अधिक की बैंकिंग धोखाधड़ी की जाँच करना और इस संदर्भ में कार्रवाई के लिये सिफारिश करना है।
- भारतीय मानक ब्यूरो(Bureau of Indian Standards- BIS)
14 अक्तूबर, 2019 को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा 60वें विश्व मानक दिवस (World Standard Day) का उद्घाटन नई दिल्ली में किया गया।
- थीम:-वीडियो स्टैंडर्ड्स क्रियेट ए ग्लोबल स्टेज (Video Standards Create a Global Stage)।
BIS भारत में मानकीकरण गतिविधियों के सामंजस्यपूर्ण विकास के उद्देश्य से वर्ष 1947 में भारतीय मानक संस्थान की स्थापना की गई थी। भारतीय मानक संस्थान को भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 1986 के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो में रूपांतरित कर दिया गया। यह उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। कार्य: भारतीय मानक ब्यूरो का मुख्य कार्य माल के मानकीकरण, अंकन (Marking)और गुणवत्ता प्रमाणीकरण की गतिविधियों को क्रियान्वित करना है। भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के माध्यम से भारतीय मानक ब्यूरो को सेवाओं के मानकीकरण और प्रमाणन से संबंधित गतिविधियों का उत्तरदायित्व भी सौंपा गया है। क्षेत्र:
- रसायन
- चिकित्सा उपकरण और अस्पताल
- सिविल इंजीनियरिंग
- धातुकर्म (Metallurgical) इंजीनियरिंग
- विद्युत तकनीकी
- पेट्रोलियम, कोयला और संबंधित उत्पाद
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी
- उत्पादन और सामान्य इंजीनियरिंग (Production and General Engineering)
- खाद्य और कृषि
- कपड़ा (Textile)
- प्रबंधन और सिस्टम (Management and Systems)
- ट्रांसपोर्ट इंजीनियरिंग
- मैकेनिकल इंजीनियरिंग
- जल संसाधन
- नेशनल डेटा क्वालिटी फोरम (National Data Quality Forum- NDQF)
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय चिकित्सा सांख्यिकी संस्थान ने जनसंख्या परिषद के साथ मिलकर नेशनल डेटा क्वालिटी फोरम (National Data Quality Forum-NDQF) लॉन्च किया है। NDQF का उद्देश्य समय-समय पर कार्यशालाओं और सम्मेलनों के माध्यम से वैज्ञानिक एवं साक्ष्य-आधारित पहल तथा मार्गदर्शन कार्यों आदि के माध्यम से लोगों को एकत्रित करना है। इस प्रक्रियाओं में संग्रहीत आँकड़े सटीक होंगे जिनका उपयोग स्वास्थ्य एवं जनसांख्यिकीय आँकड़ों में किया जा सकता है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research’s- ICMR) जैव चिकित्सा अनुसंधान के निर्माण, समन्वय एवं संवर्द्धन के लिये भारत का यह शीर्ष निकाय दुनिया के सबसे पुराने चिकित्सा अनुसंधान निकायों में से एक है। यह नई दिल्ली में स्थित है। इसे भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Department of Health Research, Ministry of Health & Family Welfare) के माध्यम से वित्त पोषित किया जाता है। राष्ट्रीय चिकित्सा सांख्यिकी संस्थान (National Institute for Medical Statistics- NIMS) यह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical ResearchICMR) नई दिल्ली का एक स्थाई संस्थान है। इसकी स्थापना वर्ष 1977 में हुई थी। इस संस्थान की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शोध पद्धति, कार्यक्रम मूल्यांकन, गणितीय मॉडलिंग, डेटा विश्लेषण आदि पर तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करना है। स्थापना के समय यह इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन मेडिकल स्टैटिस्टिक्स (Institute for Research in Medical Statistics- IRMS) के नाम से जाना जाता था। 9 नवंबर, 2005 से इसका नाम राष्ट्रीय चिकित्सा सांख्यिकी संस्थान (National Institute for Medical Statistics-NIMS) कर दिया गया। माय प्रोग्रेस में भेजें माय बुकमार्क्स में भेजें प्रिंट पीडीएफ
- राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान (National Institute of Rural Development and Panchayati Raj- NIRDPR) केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन है।
यह ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज के क्षेत्र में एक शीर्ष राष्ट्रीय उत्कृष्ट केंद्र है। यह संस्थान प्रशिक्षण, अनुसंधान और परामर्श जैसे परस्पर क्रियाकलापों द्वारा ग्रामीण विकास के पदाधिकारियों, पंचायती राज के निर्वाचित प्रतिनिधियों , बैंकरों, गैर सरकारी संगठनों की ग्रामीण विकास की क्षमता को बढ़ाता है। यह संस्थान हैदराबाद (तेलंगाना) में स्थित है। NIRDPR एक नई प्रणाली विकसित कर रहा है जो मछलियों के पालन में सहायक होगा।इस प्रणाली का मुख्य उद्देश्य भारतीय किसानों की आय दोगुनी करने में मदद करना है जिसमें किसान खेती के साथ-साथ आय अर्जित करने हेतु अन्य व्यवसायों को अपना सकें।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्डThe Securities and Exchange Board of India- SEBI) एक बाज़ार नियामक तथा भारत में प्रतिभूति और वित्त का नियामक बोर्ड है। इसकी स्थापना 1992 के अधिनियम के तहत 12 अप्रैल, 1992 में की गई थी।इसका मुख्यालय मुंबई में है तथा नई दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई और अहमदाबाद में इसके क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
- प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (PMEAC) एक अध्यक्ष तथा चार सदस्यों वाली भारत में प्रधानमंत्री को आर्थिक मामलों पर सलाह देने वाली समिति है। इनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल के बराबर होता है।
आमतौर पर प्रधानमंत्री द्वारा शपथ ग्रहण के बाद सलाहकार समिति के सदस्यों की नियुक्ति होती है। प्रधानमंत्री के पद मुक्त होने के साथ ही सलाहकार समिति के सदस्य भी त्यागपत्र दे देते हैं।
- ISF एक सर्वोच्च संस्थान है जिसकी स्थापना का उद्देश्य निजी रोज़गार सेवाओं का प्रतिनिधित्व करना है।
इसे कर्मचारी उद्योगों की ओर से सरकार तथा अन्य व्यापार संस्थाओं के साथ तालमेल बैठाने और बातचीत करने के लिये अधिकृत किया गया है। ISF द्वारा सभी सदस्य कंपनियों के लिये आचार-संहिता तैयार की गई है जिसका पालन करना सभी के लिये अनिवार्य है।
- नीति आयोग योजना आयोग की भांति भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा सृजित एक निकाय है। इस प्रकार यह न तो संवैधानिक और न ही वैधानिक निकाय है। दूसरे शब्दों में कहें तो यह एक संविधानेत्तर निकाय होने के साथ ही एक गैर-वैधानिक (जो संसद के किसी अधिनियम द्वारा अधिनियमित न हो) निकाय भी है।
1 जनवरी, 2015 को थिंक टैंक के रूप में अस्तित्व में आए नीति आयोग (National Institution for Transforming India-NITI) का मुख्य कार्य न्यू इंडिया के निर्माण का विज़न एवं इसके लिये रणनीतिक मसौदा बनाना तथा कार्य योजनाएँ तैयार करना है।
विदेशी न्यायाधिकरण गृह मंत्रालय द्वारा जारी नया आदेश राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ज़िला मजिस्ट्रेटों को ट्रिब्यूनल स्थापित करने का अधिकार देता है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में 1000 अतिरिक्त विदेशी अधिकरणों की स्थापना को मंज़ूरी दी है। विदेशी अधिकरण एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जिसकी स्थापना विदेशी नागरिक अधिनियम,1946 के तहत की गई है। विदेशी अधिनियम, 1946 और विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश, 1964 के प्रावधानों के तहत केवल विदेशी न्यायाधिकरण को ही किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित करने का अधिकार है। यह आवश्यक नहीं है कि सिर्फ NRC में किसी व्यक्ति का नाम शामिल न होने से ही वह व्यक्ति विदेशी है। गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश, 1964 में संशोधन के बाद सभी राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश अपने राज्य में प्राधिकरण स्थापित करेंगे जो यह तय करेगा कि अवैध रूप से निवास करने वाला कोई व्यक्ति विदेशी है या नहीं। इससे पहले प्राधिकरण स्थापित करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास थी। अतः कथन 2 सही है। वर्ष 2019 में संशोधित विदेशी नागरिक (न्यायाधिकरण) आदेश में किसी भी व्यक्ति को न्यायाधिकरण के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत करने का प्रावधान जोड़ा गया है। इससे पूर्व केवल राज्य प्रशासन ही किसी संदिग्ध के विरुद्ध विदेशी अधिकरण में याचिका दायर कर सकता था। अतः कथन 3 सही नहीं है। यह संशोधन असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के अंतिम प्रारूप की पृष्ठभूमि में आया है। 31 अगस्त, 2019 को जारी NRC की अंतिम सूची में जिन व्यक्तियों का नाम शामिल नहीं है, वे इसके विरुद्ध न्यायाधिकरण में जा सकते हैं। संशोधित आदेश ज़िलाधिकारियों को यह अनुमति प्रदान करता है कि ऐसे व्यक्ति जिन्होंने NRC के विरुद्ध ट्रिब्यूनल में कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है, उनके मामले में वह तय कर सकता है कि व्यक्ति विदेशी है या नहीं।
- आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले में तापमान बढ़कर 43 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच गया जिससे ग्रीष्म लहर की घटना में वृद्धि देखने को मिल रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत मौसम विज्ञान प्रेक्षण, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान का कार्यभार संभालने वाली सर्वप्रमुख एजेंसी है।
IMD विश्व मौसम संगठन के छह क्षेत्रीय विशिष्ट मौसम विज्ञान केंद्रों में से एक है। वर्ष 1864 में चक्रवात के कारण कलकत्ता में हुई क्षति और 1866 तथा 1871 के अकाल के बाद, मौसम विश्लेषण और डाटा संग्रह कार्य के एक ढाँचे के अंतर्गत आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके परिणामस्वरूप वर्ष 1875 में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की स्थापना हुई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग का मुख्यालय नई दिल्ली में है। IMD में उप महानिदेशकों द्वारा प्रबंधित कुल 6 क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र आते हैं। ये चेन्नई, गुवाहाटी, कोलकाता, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली और हैदराबाद में स्थित हैं। हेनरी फ्राँसिस ब्लैनफर्ड को विभाग के पहले मौसम विज्ञान संवाददाता के रूप में नियुक्त किया गया था। IMD का नेतृत्व मौसम विज्ञान के महानिदेशक द्वारा किया जाता है। IMD का मुख्यालय वर्ष 1905 में शिमला, बाद में 1928 में पुणे और अंततः नई दिल्ली में स्थानांतरित किया गया।स्वतंत्रता के बाद भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 27 अप्रैल 1949 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य बना।