सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सहायिका/राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम
बेल-II प्रयोग एक कण भौतिकी प्रयोग है जिसे बी मेसॉन्स (क्वार्क कणों युक्त भारी कण) के गुणों का अध्ययन करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। बेल-II, बेल प्रयोग का अगला संस्करण है और वर्तमान में इसे जापान के इबाराकी प्रान्त (Ibaraki Prefecture) में त्सुकुबा (Tsukuba) नामक स्थान पर एक त्वरक परिसर में संचालित किया जा रहा है।
- शटल रडार टोपोग्राफी मिशन’ (SRTM) नासा द्वारा 11 फरवरी,2000 को अंतरिक्ष में लॉन्च किया गया था।
इसके द्वारा पृथ्वी की लगभग 80% भूमि के स्थलाकृतिक आँकड़ें एकत्रित किये गए हैं। इसने पहली बार भूमि उत्थान स्तर के बारे में वैश्विक आँकड़ें एकत्रित किये थे। शटल रडार टोपोग्राफी मिशन (SRTM) से प्राप्त आँकड़ों की त्रुटियों को दूर करने के लिये तंत्रिका नेटवर्क (Neural network) के प्रयोग द्वारा नए सॉफ्टवेयर कोस्टल डेम का विकास किया गया। इसे सभी प्रकार के भूमि विस्तार पर प्रभावी रूप से लागू किया जा सकता है। कोस्टलडेम दुनिया भर में समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और तटीय बाढ़ विश्लेषण की सटीकता में सुधार के लिये विकसित किया गया है।
- GEF तथा UNDP द्वारा जैव विविधता के संरक्षण और प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र पर स्थानीय समुदायों की निर्भरता को कम करने के लिये सिक्योर हिमालय परियोजना का वित्तपोषण किया जा रहा है।
यह परियोजना अब हिम तेंदुए की उपस्थिति वाले चार राज्यों, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और सिक्किम में चालू है।
- गावी एलायंस (Global Alliance for Vaccines and Immunisation- GAVI Alliance) एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य सरकारी और निजी संस्थाओं को एक साथ लाकर टीकाकरण के प्रसार को बढ़ाना है।
इसका मुख्य उद्देश्य रोगों से प्रभावित उन गरीब देशों की सहायता करना है जहाँ वित्त की कमी की वजह से टीकाकरण की गतिविधियाँ संपन्न नहीं हो पा रही हैं। इसके सचिवालय जिनेवा और वाशिंगटन में स्थित हैं।
राष्ट्रीय घटनाक्रम
सम्पादन- फेनी नदी का उद्गम दक्षिण त्रिपुरा ज़िले से होता है तथा यह सबरूम शहर से होकर बहती हुई बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
- नेशनल हेल्थ स्टैक (NHS) वर्ष 2018 में नीति आयोग द्वारा प्रारंभ किया गया एक डिजिटल अवसंरचना है जिसका निर्माण देश की स्वास्थ्य बीमा प्रणाली को अधिक पारदर्शी तथा मज़बूत बनाना है। यह आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता लाने के लिये बनी एक डिजिटल अवसंरचना है।
- बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन, 1873 की एक शाखा है, जो ‘ब्रिटिश नागरिकों’ को इन ‘संरक्षित क्षेत्रों’ में प्रवेश करने से रोककर ब्रिटिश साम्राज्य के हितों की रक्षा करता था। ILP मूल रूप से अंग्रेज़ों द्वारा अपने व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिये बनाया गया था। भारत में इसका उपयोग आधिकारिक तौर पर पूर्वोत्तर भारत में जनजातीय संस्कृतियों की रक्षा के लिये किया जाता है।
ILP के विभिन्न प्रकार हैं- एक पर्यटकों के लिये और दूसरा अन्य लोगों के लिये जो वहाँ लंबे समय तक, प्राय: रोज़गार के उद्देश्य से, रूकना चाहते हैं। वर्तमान में अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिज़ोरम एवं मणिपुर में ILP लागू है। मणिपुर इस सूची में शामिल होने वाला नवीनतम और चौथा राज्य है। नवंबर 2019 में मेघालय मंत्रिमंडल ने मेघालय निवासी संरक्षा और सुरक्षा अधिनियम (MRSSA) 2016 में संशोधन की मंज़ूरी दे दी है, जो मेघालय राज्य में 24 घंटे से अधिक समय तक रुकने वाले आगंतुकों के लिये पंजीकरण अनिवार्य करता है।
- डिजिटल इंडिया 7 अगस्त, 2014 को केंद्र सरकार द्वारा शुरू किया गया था। इसे विभिन्न स्तरों के मंत्रालयों और सरकारों के सभी स्तरों पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology- MeitY) द्वारा किए जा रहे समग्र समन्वय के साथ लागू किया जाना है।
डिजिटल इंडिया के तहत विकास के स्तंभ:
- ब्रॉडबैंड हाइवेज।
- मोबाइल कनेक्टिविटी तक सर्वव्यापी पहुँच।
- पब्लिक इंटरनेट संपर्क कार्यक्रम।
- ई-गवर्नेंस तकनीक के ज़रिये सरकारी सुधार।
- ई-क्रांति सेवाओं की इलेक्ट्रॉनिक आपूर्ति।
- सबके लिये सूचना।
- इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन-सकल शून्य आयात का लक्ष्य।
- रोज़गार के लिये सूचना प्रौद्योगिकी।
- 11वें परमाणु ऊर्जा कॉन्क्लेव का आयोजन भारत ऊर्जा मंच (India Energy Forum) द्वारा किया गया था, न कि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा। यह 18 अक्तूबर, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
- सोडियम के अच्छे ऊष्मा स्थानांतरण और नाभिकीय गुणधर्मों के कारण इसका उपयोग, रिएक्टर में उत्पन्न ऊष्मा को हटाने के लिये शीतलक के रूप में उपयोग किया जाता है।
भारत में परमाण्विक खनिजों के अन्वेषण से यह जानकारी मिलती है कि भारत में यूरेनियम (जिसमे अधिकांश U-238 और U-235 केवल 0.7% होता है) के सीमित भंडार हैं, लेकिन थोरियम (Th-232) प्रचुर मात्रा में है।
- एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन (Acute Respiratory Infection-ARI) एक गंभीर संक्रमण है जो सामान्य श्वास क्रिया को रोक देता है। यह आमतौर पर नाक,श्वासनली (Trachea) या फेफड़ों में वायरल संक्रमण के रूप में शुरू होता है तथा एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है।
इस रोग के सर्वाधिक मामले आंध्र प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल में दर्ज किये गए। इनमें दक्षिण भारतीय राज्य भी शामिल हैं।
- गुजरात आतंकवाद और संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक वर्ष 2003 में गुजरात विधानसभा में पेश किया गया।
इस कानून के तहत जाँच एजेंसियाँ फोन कॉल्स रिकॉर्ड कर सकती हैं और उसे सबूत के तौर पर न्यायालय में पेश भी कर सकती हैं।
- वर्ष 2001 में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council-DAC) की स्थापना सशस्त्र बलों की स्वीकृत आवश्यकताओं की शीघ्र खरीद सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई थी।
इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री द्वारा की जाती है। यह अधिग्रहण संबंधी मामलों पर निर्णय लेने वाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था है।
- राष्ट्रीय नदी गंगा(पुनरुद्धार, संरक्षण तथा प्रबंधन) विधेयक 2018 के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों को आपराधिक माना गया है:
- ऐसी निर्माण गतिविधि जिससे नदी के प्रवाह में अवरोध उत्पन्न हो।
- वह भूमि जो नदी या उसकी सहायक नदियों के नज़दीक हो तथा वहाँ से भू-जल का वाणिज्यिक या औद्योगिक लाभ के लिये दोहन।
- गंगा तथा उसकी सहायक नदियों में वाणिज्यिक मत्स्यपालन या एक्वाकल्चर।
- नदी में उपचारित या गैर-उपचारित सीवेज का निस्तारण।
- भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की स्थापना एक सांविधिक निकाय के रूप में आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडी, लाभ एवं सेवाओं के लक्षित विवरण) अधिनियम, 2016 के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत 12 जुलाई, 2016 को की गई थी।
UIDAI की स्थापना भारत के सभी नागरिकों को ‘आधार’ नाम से एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान करने के लिये की गई थी ताकि दोहरी और फर्जी पहचान समाप्त की जा सके तथा इसे आसानी से एवं किफायती लागत में प्रमाणित किया जा सके।
- भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 25 दिसंबर, 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत की थी।
मिशन इन्द्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो कम टीकाकरण कवरेज वाले 201 ज़िलों में शुरू हुआ था। यह यूनिवर्सल टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किये गए 7 रोगों के खिलाफ 7 टीकों का प्रतिनिधित्व करता है। ये रोग हैं- तपेदिक (Tuberculosis), पोलियोमाइलाइटिस (Poliomyelitis), हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B), डिप्थीरिया (Diphtheria), पर्टुसिस (Pertussis), टेटनस (Tetanus) और खसरा (Measles)
- आठ राज्यों के समूह जिसमें बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश शामिल हैं, को सशक्त कार्यवाही समूह कहा जाता है।
ये राज्य सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं, साथ ही जनसांख्यिकीय संक्रमण में पिछड़ गए हैं और देश में सबसे अधिक शिशु मृत्यु दर इन्हीं राज्यों में है।
- 1 दिसंबर,2018 को संपूर्ण भारत में ड्रोन नीति (Drone Policy) लागू की गई थी। इस नीति में यह निर्धारित किया गया था कि कोई भी व्यक्ति 18 वर्ष की उम्र से पहले ड्रोन नहीं उड़ा सकता है, साथ ही यह भी आवश्यक है कि उसने दसवीं क्लास तक पढ़ाई की हो और उसे ड्रोन से संबंधित बुनियादी चीज़ों की जानकारी हो।
नीति ने ड्रोन उड़ाने संबंधी निम्नलिखित ज़ोन निर्धारित किये थे: रेड ज़ोन उड़ान की अनुमति नहीं येलो ज़ोन नियंत्रित हवाई क्षेत्र - उड़ान से पहले अनुमति लेना आवश्यक ग्रीन ज़ोन अनियंत्रित हवाई क्षेत्र - स्वचालित अनुमति नो ड्रोन ज़ोन कुछ विशेष जगहों पर ड्रोन संचालन की अनुमति नहीं
- नवंबर 2013 में ‘शी-टैक्सी’ की शुरुआत केरल राज्य सरकार द्वारा की गई। इसका उद्येश्य महिलाओं को स्वरोज़गार के अवसर प्रदान करना तथा महिला यात्रियों के लिये सुरक्षित और सुविधाजनक परिवहन सुविधा सुनिश्चित करना है। इस पहल ने वर्ष 2014 में सार्वजनिक नीति में नवाचार के लिये मुख्यमंत्री पुरस्कार प्राप्त भी किया।
- इसकी शुरुआत केरल सरकार के सामाजिक न्याय विभाग द्वारा प्रवर्तित एक स्वायत्त संस्थान, जेंडर पार्क द्वारा शुरू की गई। इस पहल की शुरुआत पाँच कारों के एक बेड़े के साथ की गई थी।
- केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिसंबर 2014 में मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की गई थी।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2017 में पूर्ण टीकाकरण कवरेज में तेज़ी लाने और निम्न टीकाकरण कवरेज वाले शहरी क्षेत्रों एवं अन्य इलाकों पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्यान देने हेतु ‘तीव्र मिशन इंद्रधनुष’ लॉन्च किया था। उल्लेखनीय है कि तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत उन शहरी क्षेत्रों पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है जिन पर मिशन इंद्रधनुष के तहत ध्यान केंद्रित नहीं किया जा सका था।
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code-IPC) की धारा-497 विवाहेतर संबंधों को व्यभिचार के रूप में अपराध का दर्जा देती है।
IPC की धारा-497 के अनुसार, यदि कोई पुरुष किसी विवाहित महिला के साथ यौनाचार करता है तो वह परस्त्रीगमन (व्यभिचार) के अपराध का दोषी होगा और उस महिला का पति पुरुष के खिलाफ व्यभिचार का केस दर्ज करा सकता है। इसमें उस विवाहित महिला के खिलाफ केस दर्ज कराने का कोई प्रावधान नहीं है।
धारा-497, अनुच्छेद 14 और 15 (समानता का अधिकार) का तथा अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करती है। महिलाओं की गरिमा के विरुद्ध है।
धारा-497 उस सिद्धांत पर आधारित है जिसके अनुसार, एक महिला विवाह के साथ ही अपनी पहचान और कानूनी अधिकार खो देती है। यह धारा उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती है। यह सिद्धांत संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है। व्यभिचार अनैतिक हो सकता है लेकिन गैर-कानूनी नहीं।
उच्चतम न्यायालय ने व्यभिचार को अपराध का दर्जा देने वाली 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा-497 को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया है।
अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम
सम्पादन- HIV-1 को विश्व भर में अधिकांश संक्रमणों का प्रतिनिधित्व करने वाला प्रमुख प्रकार माना जाता है, जबकि HIV-2 कम क्षेत्रों में पाया जाता है और यह मुख्यतः पश्चिम एवं मध्य अफ्रीकी क्षेत्रों में ही केंद्रित है।
- ईरान ने तेहरान के पास स्थित भूमिगत फोर्दो संयंत्र में यूरेनियम संवर्द्धन कार्यक्रम पुन: शुरू कर दिया है।
फोर्दो ईंधन संवर्द्धन संयंत्र (FFEP) ईरान का दूसरा पायलट संवर्द्धन संयंत्र (पहला नतांज़ में) है। यह स्थल मूल रूप से ईरान के अर्द्धसैनिक संगठन, इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) से जुड़ी एक सुरंग सुविधा थी और कॉम शहर के पास एक पहाड़ में भूमिगत अवस्थिति में है।
- यूरोपीय परिषद की साइबर अपराध पर कन्वेंशन को बुडापेस्ट कन्वेंशन भी कहा जाता है जो कि साइबर अपराधों पर एकमात्र कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय संधि है। यह राष्ट्र-राज्यों के बीच साइबर अपराधों संबंधी जाँच का समन्वय करता है और कुछ अवैध साइबर गतिविधियों का अपराधीकरण करता है।
- इस कन्वेंशन में अमेरिका और ब्रिटेन सहित कुल 56 सदस्य शामिल है। भारत ने अभी तक इस कन्वेंशन में शामिल नहीं हुआ है।
- इंटरनेशनल थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (ITER) एक प्रयोगात्मक परमाणु संलयन रिएक्टर है जिसका निर्माण फ्राँस में किया जा रहा है। यह नाभिकीय संलयन प्रक्रिया पर आधारित ऐसा विशाल रिएक्टर है, जो कम ईंधन की सहायता से ही अपार ऊर्जा उत्पन्न करेगा।
इस परियोजना के भागीदार यूरोपियन यूनियन, भारत, जापान, चीन, रूस, दक्षिण कोरिया और अमेरिका हैं। अंतर्राष्ट्रीय ताप-नाभिकीय प्रायोगिक रिएक्टर ऊर्जा की कमी की समस्या से निपटने के लिये भारत सहित विश्व के कई राष्ट्रों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के सहयोग से मिलकर बनाया जा रहा। सस्ती, प्रदूषण विहीन और असीमित ऊर्जा पैदा करने की दिशा में हाइड्रोजन बम के सिद्धांत पर इस नाभिकीय परियोजना को प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। इसमें संलयन से उसी प्रकार से ऊर्जा मिलेगी जैसे पृथ्वी को सूर्य या अन्य तारों से मिलती है।
- अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (International Atomic Energy Agency- IAEA) को संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत वर्ष 1957 में विश्व के 'परमाणु शांति संगठन' (Atoms for Peace Organisation) के रूप में स्थापित किया गया था।
यह एजेंसी परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देती है तथा किसी भी सैन्य उद्देश्य के लिये इसके उपयोग को रोकती है। इसका मुख्यालय ऑस्ट्रिया के वियना में है। IAEA सुरक्षा उपाय परमाणु अप्रसार संधि (Non-Proliferation Treaty- NPT) के भाग के रूप में परमाणु सामग्री के शांतिपूर्ण उपयोग के निरीक्षण और सत्यापन की एक प्रणाली है। ये सुरक्षा उपाय मुख्य रूप से सुरक्षा उपयोगों में अपने उचित समर्थन को बनाए रखते हुए मानव जाति के शांतिपूर्ण उपयोग और समृद्धि के लिये परमाणु ऊर्जा को बढ़ावा देने में अपनी केंद्रीय भूमिका में IAEA की प्रधानता को दोहराते हैं। IAEA की सुरक्षा गतिविधियाँ IAEA के अंतर्गत एक अलग विभाग, सुरक्षा विभाग द्वारा प्रबंधित है। 25 जुलाई, 2014 को सुरक्षा उपायों के लिये एक ‘अतिरिक्त नयाचार’ भारत सरकार और IAEA के बीच सुरक्षा के अनुप्रयोग के लिये असैनिक परमाणु सुविधाओं हेतु समझौता किया गया। भारत द्वारा अनुमोदित अतिरिक्त नयाचार का ऐसी गैर-सुरक्षित सुविधाओं पर कोई असर नहीं होगा जो हथियारों के निर्माण के लिये उपयोग की जाती हैं।
- केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय पर लगने वाले कर के संदर्भ में दोहरे कराधान (Double Taxation) को समाप्त करने तथा वित्तीय चोरी रोकने के लिये भारत और ब्राज़ील के बीच दोहरे कराधान अपवंचन समझौते में संशोधन को मंज़ूरी दी है। भारत और ब्राज़ील के बीच वर्तमान दोहरा कराधान अपवंचन समझौता 26 अप्रैल 1988 को हस्ताक्षरित हुआ था।
भारत में आयकर अधिनियम की धारा 90 द्विपक्षीय कर राहत से संबंधित है। इस धारा के अंतर्गत भारत सरकार दूसरे देशों की सरकारों के साथ दोहरे कराधान की समस्या से निपटने के लिये समझौते करती है। 15 अक्तूबर, 2013 को सूचना आदान-प्रदान करने के संबंध में एक प्रोटोकॉल द्वारा इस समझौते को संशोधित किया गया था।
- 4 नवंबर,2016 को पेरिस समझौता संपन्न हुआ था। UNFCCC पेरिस समझौते की मातृसंस्था है।
प्रारंभ में सीरिया तथा निकारागुआ इस समझौते से बाहर थे लेकिन वर्ष 2017 में उन्होंने इस पर हस्ताक्षर कर दिये।
- हाल ही में इस्लामिक स्टेट के नेता अबू बक्र अल-बगदादी को मारने हेतु चलाए गए स्टील्थ ऑपरेशन का नाम कायला म्यूलर के नाम पर रखा गया था।
- SONIA की स्थापना वर्ष 1997 में ब्रिटेन के होलसेल मार्केट ब्रोकर्स एसोसिएशन (Wholesale Market Brokers Association-WMBA) द्वारा की गई थी।
इसका प्रयोग LIBOR के स्थान पर किया जायेगा तथा यह एक अल्प-आवधिक ऋण है जिसे बैंकों द्वारा ब्रिटिश स्टर्लिंग बाज़ार में असुरक्षित ऋणों के भुगतान के लिये उपयोग में लाया जाता है।
- विश्व बैंक द्वारा जारी व्यापार सुगमता सूचकांक (Ease Of Doing Business) में भारत को 190 देशों में से 63वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
- व्यापार सुगमता सूचकांक के निम्नलिखित मानक हैं-
- व्यवसाय शुरू करना (Starting A Business)
- निर्माण परमिट (Dealing with Construction Permits)
- विद्युत (Getting Electricity)
- संपत्ति का पंजीकरण (Registering Property)
- ऋण उपलब्धता (Getting Credit)
- अल्पसंख्यक निवेशकों की सुरक्षा (Protecting Minority Investors)
- करों का भुगतान करना (Paying Taxes)
- सीमाओं के पार व्यापार करना (Trading Across Borders)
- अनुबंध लागू करना (Enforcing Contract)
- दिवालियापन होने पर समाधान (Resolving Insolvency)
- माउंट पाएकटु/पाइकटु, कोरिया लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic People’s Republic of Korea’s- DPRK) और चीन की सीमा पर स्थित है।
यह एक ज्वालामुखी पर्वत है जिसमें लगभग हज़ार वर्षो पहले उद्गार हुआ था।
- कैरेबियन समुदाय (Caribbean Community- CARICOM) को वर्ष 1973 में चैगुआरामास की संधि (Treaty of Chaguaramas) के तहत स्थापित किया गया है।
यह कैरेबियन देशों का साझा बाजार क्षेत्र है। जिसका उद्देश्य सदस्य देशों के बीच आर्थिक एकीकरण और सहयोग को बढ़ावा देना है । यह सुनिश्चित करता है कि एकीकरण के लाभ समान रूप से सदस्य देशों के मध्य साझा किये जाएं । इसका सचिवालय- जॉर्ज टाउन (गुयाना) में स्थित है। कैरीकॉम संयुक्त राष्ट्र का आधिकारिक पर्यवेक्षक भी है।
- प्रशांत महासागर में स्थित दक्षिण प्रशांत द्वीपीय राष्ट्र नौरु गणराज्य, वर्ष 2014 में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का 189 वाँ सदस्य बना था।
- G-4 जापान,जर्मनी,भारत और ब्राज़ील द्वारा बनाया गया एक समूह है।
ये देश लगातार बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करने के साथ ही UNSC की संरचना में सुधार की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता में विस्तार और G-4 देशों की स्थायी सदस्यता के प्रयासों का कॉफी क्लब या यूएफसी (Uniting for Consensus- UFC) गुट के देश विरोध करते हैं। कॉफी क्लब में इटली, पाकिस्तान, मेक्सिको, मिस्र, स्पेन, अर्जेंटीना और दक्षिण कोरिया जैसे 13 देश सक्रिय रूप से शामिल हैं।
- यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) मुख्यतः उत्तरी यूरेशिया में स्थित राज्यों का आर्थिक संघ है।
EAEU की स्थापना के लिये हुई संधि पर बेलारूस, कज़ाख्स्तान और रूस के नेताओं ने 29 मई, 2014 को हस्ताक्षर किये थे और 1 जनवरी, 2015 से यह संधि लागू हो गई। आर्मेनिया और किर्गिस्तान को इस समूह में बाद में प्रवेश दिया गया था। इसके सदस्य देश हैं: आर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाख्स्तान, किर्गिस्तान और रूस।
TIR कारनेट्स के अधीन माल के अंतर्राष्ट्रीय परिवहन पर सीमा शुल्क कन्वेंशन, 1975 (TIR Convention यूरोप के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) के तत्त्वावधान में एक अंतर्राष्ट्रीय पारगमन प्रणाली है जो कन्वेंशन में शामिल पक्षकारों के बीच माल की निर्बाध आवाजाही की सुविधा प्रदान करती है। वर्तमान में इस कन्वेंशन में 70 पार्टियाँ शामिल हैं जिनमें यूरोपीय संघ भी शामिल है।
संयुक्त राष्ट्र के ट्रांसपोर्टेशन इंटरनेशनक्स राउटर्स (TIR) कंवेंशन के तहत पहली खेप ईरान के चाबहार पोर्ट के माध्यम से अफगानिस्तान से भारत पहुँची है।
15 जून, 2017 को भारत 71वें सदस्य के रूप में TIR कंवेंशन में शामिल हुआ।
TIR एक बहुपक्षीय संधि है जो माल को एक TIR कारनेट में उल्लिखित करने और लदे हुए डिब्बों को सील करने की अनुमति देता है।
FICCI को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा इसके संचालन हेतु राष्ट्रीय निर्गम और गारंटी संघ के रूप में नियुक्त किया गया है।
विश्व भर में इस प्रणाली का प्रबंधन जिनेवा स्थित अंतर्राष्ट्रीय सड़क परिवहन संघ (IRU), और यूरोप के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक आयोग (UNECE) द्वारा किया जाता है।
नॉरमैंडी फॉर्मेट’ को ‘नॉरमैंडी संपर्क समूह’ या ‘नॉरमैंडी फोर’ (Normandy Four) के रूप में भी जाना जाता है। यह पूर्वी यूक्रेन में युद्ध का समाधान निकालने के लिये चार देशों- जर्मनी, रूस, यूक्रेन और फ्राँस के वरिष्ठ प्रतिनिधियों का एक राजनयिक समूह है।
कवचुआह रोपुई विरासत स्थल मिज़ोरम का पहला भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक स्धल
सम्पादनभारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा म्याँमार की सीमा पर अवस्थित मिज़ोरम के चम्फाई (Champhai) ज़िले के एक गाँव वांगछिया (Vangchhia) में प्राचीन सभ्यता के अवशेषों की खोज की है। इस स्थल को ‘कवचुआह रोपुई विरासत स्थल’ (Kawtchhuah Ropui Heritage Site) नाम दिया गया है। मानवता के लिये भारत’ पहल की शुरुआत महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर होने वाले समारोहों के तहत विदेश मंत्रालय ने अक्तूबर 2018 में की थी। अतः कथन 1 सही है। मानवता के प्रति दया, देखभाल और सेवा के महात्मा गांधी के दर्शन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ‘मानवता के लिये भारत’ पहल की विशेषता दुनिया भर के कई देशों में साल भर तक कृत्रिम अंग लगाने के लिये कैम्प लगाना है, जिसे जयपुर फुट के नाम से जाना जाता है।
- इंसटेक्स(INSTEX)-ईरान और यूरोपीय संघ के देशों के बीच वित्तीय व्यापार तंत्र
INSTEX वस्तु विनिमय के समर्थन में उपकरण (Instrument in Support of Trade Exchanges) का संक्षिप्त रूप है। यह एक विशेष प्रयोजन वाहन है जिसका उद्देश्य यूरोपीय आर्थिक प्रचालकों और ईरान के बीच वैध व्यापार की सुविधा प्रदान कराना है और ईरान परमाणु समझौते के संरक्षण में सहायता करना है। इंसटेक्स वस्तु विनिमय तंत्र जनवरी 2019 में स्थापित किया गया था। इसका उद्देश्य डॉलर का प्रयोग न करते हुए ईरान पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार कर ईरान के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करना है। इंसटेक्स का दायरा आरंभ में चिकित्सा, चिकित्सा उपकरणों और भोजन जैसे मानवीय सामानों तक ही सीमित है, जो अमेरिकी प्रतिबंधों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से लक्षित नहीं हैं।
- BRIP डेटाबेस परियोजना विश्व बौद्धिक संपदा अधिकार संगठन (WIPO) की परियोजना है। यह परियोजना कॉपीराइट का उल्लंघन करने वाली वेबसाइटों की एक वृहद् ब्लैक लिस्ट के संयोजन से वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन पायरेसी को कम करने की संभावना प्रदान करती है। ध्यातव्य है कि WIPO एक संयुक्त राष्ट्र निकाय है।
यह परियोजना कॉपीराइट उल्लंघन के लिये "फॉलो-द-मनी" दृष्टिकोण पर आधारित है, जिसका उद्देश्य अवैध वित्तीय ऑपरेटरों के लिये धन के प्रवाह को रोकना है।
- 2019 को आवर्त सारणी के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष (IYPT2019) के रूप में नामित।
संयुक्त राष्ट्र ने दिमित्री इवानोविच मेंडेलीव (Dmitri Ivanovich Mendeleev) द्वारा रासायनिक तत्त्वों की आवर्त सारणी की स्थापना की 150वीं वर्षगांठ मनाने हेतु। गौरतलब है कि आवर्त सारणी की स्थापना 17 फरवरी 1869 को की गई थी। आवर्त सारणी में 118 पुष्टीकृत तत्व हैं। उनमें से 90 तत्व प्रकृति में पाए जा सकते हैं, जबकि अन्य कृत्रिम हैं। टेक्नेटियम पहला कृत्रिम तत्व था। आवर्त सारणी के अधिकांश तत्व धातु (लगभग 75 प्रतिशत) हैं।
USTR द्वारा विकासशील एवं अल्प विकसित देशों की नई सूची जारी
सम्पादनUSTR द्वारा जारी की गई इस सूची के अंतर्गत शामिल देशों को ‘काउंटर वेलिंग ड्यूटी’ इन्वेस्टीगेशन के संदर्भ में रियायत दी जाती है। क्या है काउंटर वेलिंग ड्यूटी (CVD)? यह आयातित वस्तुओं पर लगाया जाने वाला एक कर है जिसका प्रयोग आयातित वस्तुओं पर दी जाने वाली सब्सिडी के प्रभाव को न्यून करने के लिये होता है। इस कर का उद्देश्य आयातित वस्तु के संदर्भ में किसी समान प्रकृति के घरेलू उत्पाद को मूल्य प्रतिस्पर्द्धा में पिछड़ने से बचाना है। यह एक प्रकार का एंटी-डंपिंग टैक्स होता है। डंपिंग अर्थात् जब कोई वस्तु/उत्पाद किसी देश द्वारा दूसरे देश को उसके सामान्य मूल्य से कम कीमत पर निर्यात किया जाता है। यह एक अनुचित व्यापार अभ्यास है जो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर एक विकृत प्रभाव डाल सकता है।