सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा सहायिका/संविधान

भारत का राजकीय चिन्ह अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को इसे अंगीकृत किया गया। ‘सत्यमेव जयते’ शब्द मुंडकोपनिषद से लिया गया है जिसका अर्थ है सत्य की ही जय। यह देवनागरी लिपि में अबेकस के नीचे अंकित है।

संविधान निर्माण की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि सम्पादन

प्र.‘चार्टर एक्ट’,1813’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)

  1. इसने भारत में ईस्ट इंडिया कम्पनी के व्यापार एकाधिपत्य को,चाय का व्यापार तथा चीन के साथ व्यापार को छोड़कर, समाप्त कर दिया।
  2. इसने कम्पनी द्वारा अधिकार में लिये गए भारतीय राज्य क्षेत्रों पर ब्रिटिश राज (क्राउन) की संप्रभुता को सुदृढ़ कर दिया।
  3. भारत का राजस्व अब ब्रिटिश संसद के नियंत्रण में आ गया था।

उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?

(a) केवल 1 और 2 (उत्तर)

प्र. निम्नलिखित में से किससे/किनसे भारत में अंग्रेज़ी शिक्षा की नींव पड़ी?

  1. 1813 का चार्टर एक्ट
  2. जनरल कमेटी ऑफ पब्लिक इंस्ट्रक्शन, 1823
  3. प्राच्यविद् एवं आंग्लविद् विवाद

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:- (d) 1, 2 और 3 (उत्तर)

चार्टर अधिनियम 1813 में भारत में शिक्षा के विकास हेतु प्रतिवर्ष 1 लाख रुपए के अनुदान का प्रावधान किया गया।
इसके पश्चात हीं प्राच्यवादियों और उपयोगितावादी विवाद आरंभ हुआ।

प्राच्यवादियों (Orientalist)में विलियम जोन्स, जेम्स प्रिंसेप, चार्ल्स विल्किंस, एचएच विल्सन आदि शामिल थे, जबकि पाश्चात्यवादी (Anglicist) शिक्षा के समर्थन में टीबी मैकाले, जेम्स मिल, चार्ल्स ग्रांट, विलियम विल्बरफोर्स आदि शामिल थे।

जेम्स मिल उपयोगितावादी विचारक था तथा उसका मानना था कि अंग्रेज़ों को भारतीय जनता को खुश करने या उनकी भावनाओं को ध्यान में रख कर शिक्षा नहीं देनी चाहिये बल्कि शिक्षा के माध्यम से उन्हें उपयोगी तथा व्यावहारिक ज्ञान देना चाहिये जिसमें पश्चिमी विज्ञान, तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा शामिल हो।
टीबी मैकाले प्राच्य शिक्षा का घोर विरोधी था और प्राच्य शिक्षा के बारे में उसका कथन था कि “एक अच्छे यूरोपीय पुस्तकालय का केवल एक शेल्फ ही भारत और अरब के समूचे साहित्य के बराबर है।”

हालाँकि इस विवाद के बावजूद पाश्चात्यवादी शिक्षा के समर्थकों की बात भारत परिषद ने स्वीकार की तथा अंग्रेज़ी शिक्षा अधिनियम, 1835 (English Education Act, 1835) पारित किया। इसके बाद भारत में अंग्रेज़ी को शिक्षा के माध्यम हेतु औपचारिक तौर पर स्वीकार किया गया।

नागरिकता सम्पादन

नागरिकता के संदर्भ में विगत वर्ष में पूछा गया प्रश्न: प्र.निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

  1. आधार कार्ड का प्रयोग नागरिकता या अधिवास के प्रमाण के रूप में किया जा सकता है।
  2. एक बार जारी करने के पश्चात इसे निर्गत करने वाला प्राधिकरण आधार संख्या को निष्क्रिय या लुप्त नहीं कर सकता।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (I.A.S-2018)

उत्तर-न तो 1 और न ही 2

ओवरसीज़ सिटीज़न ऑफ इंडिया या OCI की श्रेणी को भारत सरकार द्वारा वर्ष 2005 में शुरू किया गया था। OCI कार्डधारक भारत में प्रवेश कर सकते हैं, भारत का दौरा करने के लिये बहुउद्देशीय आजीवन वीज़ा (Multipurpose Lifelong Visa) प्राप्त कर सकते हैं और इसके लिये विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) के साथ पंजीकरण करने की आवश्यकता भी नहीं होती है।

प्रस्तावना/उद्देशिका सम्पादन

प्र.राज्य-व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से किस एक को आप स्वतंत्रता की सर्वाधिक उपयुक्त व्याख्या के रूप में स्वीकार करेंगे? (I.A.S.-2019)

(a) राजनीतिक शासकों की तानाशाही के विरूद्ध संरक्षण
(b) नियंत्रण का अभाव
(c) इच्छानुसार कुछ भी करने का अवसर
(d) स्वयं को पूर्णतः विकसित करने का अवसर(उत्तर)

प्र. भारत के संविधान के निर्माताओं का मत निम्नलिखित में से किसमें प्रतिबिंबित होता है? (I.A.S-2017)

उत्तर- उद्देशिका

प्र. निम्नलिखित उद्देश्यों में से कौन-सा एक भारत के संविधान की उद्देशिका में सनिविष्ट नहीं है? (I.A.S-2015)

(a) विचार की स्वतंत्रता
(b) आर्थिक स्वतंत्रता(उत्तर)
(c) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
(d) विश्वास की स्वतंत्रता

प्र. भारत के संविधान के उद्देश्यों में से एक के रूप में ‘आर्थिक न्याय’ का उपबन्ध किसमें किया गया है? (2013)

(a) उद्देशिका और मूल अधिकार
(b) उद्देशिका और राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व(उत्तर)
(c) मूल अधिकार और राज्य की नीति के निदेशक तत्त्व
(d) उपर्युक्त में से किसी में नहीं
  • भारत के मूल संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्षता शब्द का प्रयोग नही था।

42वें संविधान संशोधन 1976 के माध्यम से धर्मनिपेक्षता शब्द को शामिल किया गया। भारत का संविधान धर्मनिरपेक्ष है क्योंकि संविधान किसी धर्म विशेष को मान्यता नही देता है। भारतीय धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा पश्चिमी धर्मनिरपेक्षता से भिन्न है क्योंकि पश्चिम की पूर्णतया अलगाववादी नकारात्मक अवधारणा के बजाय भारत में समग्र रूप से सभी धर्मों का सम्मान करने की संवैधानिक मान्यता प्रचलित है।

मूल अधिकार[भाग- III(अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 35)] सम्पादन

प्र.निजता के अधिकार को जीवन एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार अंतर्भूत भाग के रूप में संरक्षित किया जाता है। भारतीय संविधान में निम्नलिखित में से किससे उपर्युक्त कथन सही एवं समुचित ढंग से अर्थित होता है? (I.A.S.-2018)

(c) अनुच्छेद 21 एवं भाग III में गारंटी की गईं स्वतंत्रताएँ

प्र. भारत के संविधान में शोषण के विरुद्ध अधिकार द्वारा निम्नलिखित में से कौन-से परिकल्पित हैं? (I.A.S.-2017)

  1. मानव देह व्यापार और बंधुआ मज़दूरी (बेगारी) का निषेध
  2. अस्पृश्यता का उन्मूलन
  3. अल्पसंख्यकों के हितों की सुरक्षा
  4. कारखानों और खदानों में बच्चों के नियोजन का निषेध

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(c)केवल 1 और 4

प्र. भारत में मताधिकार और निर्वाचित होने का अधिकार: (I.A.S.-2017)

(a) मूल अधिकार है
(b) नैसर्गिक अधिकार है
(c) संवैधानिक अधिकार है।
(d) विधिक अधिकार है

प्र. भारत के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा अधिकारों और कर्त्तव्यों के बीच सही संबंध है? (I.A.S.-2017)

(a) अधिकार कर्त्तव्यों के साथ सह-संबंधित हैं।
(b) अधिकार व्यक्तिगत हैं अतः समाज और कर्त्तव्यों से स्वतंत्र हैं।
(c) नागरिक के व्यक्तित्त्व के विकास के लिये अधिकार, न कि कर्त्तव्य, महत्त्वपूर्ण हैं।
(d) राज्य के स्थायित्त्व के लिये कर्त्तव्य, न कि अधिकार, महत्त्वपूर्ण हैं।

प्र.'भारत की प्रभुता,एकता और अखण्डता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें।'यह उपबंध किसमें किया गया है? (2015)

(d) मूल कर्त्तव्य

भारतीय संविधान में अनुच्छेद 16 के अनुसार किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, जाति, नस्ल, लिंग, वंश, जन्म स्थान, निवास या इनमें से किसी के आधार पर राज्य के अधीन किसी कार्यालय या किसी भी रोज़गार में भेदभाव नहीं होगा। यह राज्य को उन सभी पिछड़े वर्ग के नागरिकों हेतु नियुक्तियों या पदों के आरक्षण का प्रावधान करने का अधिकार देता है, जो राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त रूप से प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

संवैधानिक संशोधन सम्पादन

प्र. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: 1. भारत के संविधान के 44वें संशोधन द्वारा लाए गए एक अनुच्छेद ने प्रधानमंत्री के निर्वाचन को न्यायिक पुनर्विलोकन के परे कर दिया। 2. भारत के संविधान के 99वें संशोधन को भारत के उच्चतम न्यायालय ने अभिखंडित कर दिया क्योंकि यह न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अतिक्रमण करता था। उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? - (b) केवल 2