स्वामित्व, पंचायती राज मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना, 9 राज्यों में योजना के पायलट चरण (2020-2021) के सफल समापन के बाद 24 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर माननीय प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रव्यापी लॉन्च की गई थी। यह योजना ड्रोन तकनीक का उपयोग करके भूमि पार्सल की मैपिंग करके और कानूनी स्वामित्व कार्ड (संपत्ति कार्ड) जारी करने के साथ गांव के घरेलू मालिकों को 'अधिकारों का रिकॉर्ड' प्रदान करके ग्रामीण बसे हुए ("आबादी") क्षेत्रों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना की दिशा में एक सुधारात्मक कदम है। यह योजना पंचायती राज मंत्रालय, राज्य राजस्व विभाग, राज्य पंचायती राज विभाग और भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोगात्मक प्रयासों से कार्यान्वित की गई है।

स्वामित्व योजना []एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है जो भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व को प्रमोट करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के अधिकारों को स्पष्टीकरण और संज्ञान देना है। यह भारतीय सरकार की एक प्रमुख पहल है जो ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक समृद्धि और समानता को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

लक्ष्य

स्वामित्व योजना का प्रमुख लक्ष्य है ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के अधिकारों को स्पष्ट करना और सम्पत्ति संबंधी विवादों को कम करना। यह योजना भारतीय ग्रामीणों को संपत्ति के प्रॉपर्टी कार्ड जारी करके उन्हें वित्तीय संस्थानों से ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। इसके साथ ही यह योजना संपत्ति कर के निर्धारण में सहायता करती है और संपत्ति के अधिकारियों को प्रॉपर्टी टैक्स के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान करती है।

कैसे काम करती है?

स्वामित्व योजना के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व कार्ड के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल है। इच्छुक नागरिक नज़दीकी ग्राम पंचायत कार्यालय या राजस्व विभाग कार्यालय में जाकर आवेदन फॉर्म हासिल कर सकते हैं। इस फॉर्म में आवश्यक जानकारी भरकर, नागरिक को अपने नाम, पता, और संपत्ति का विवरण प्रस्तुत करना होता है। फॉर्म को भरकर जमा करने के बाद, संपत्ति कार्ड जारी किया जाता है जिसका नागरिक डाउनलोड कर सकता है।

लाभार्थी

स्वामित्व योजना के लाभार्थी भारतीय ग्रामीण नागरिक हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें अपनी संपत्ति के स्वामित्व का प्रमाण पत्र प्राप्त होता है जिससे वे वित्तीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त कर सकते हैं और संपत्ति संबंधी विवादों में सुलझाव कर सकते हैं। इस योजना से उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय सेवाओं का लाभ भी मिलता है और उनके गांव के विकास में सहायता होती है।

स्वामित्व योजना भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति के स्वामित्व को बढ़ावा देने और ग्रामीणों को आर्थिक स्थिरता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना भारतीय समाज के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और ग्रामीणों को सशक्त बनाने का संकल्प दिखाती है।

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