हिंदी कविता (छायावाद के बाद)/मारे जाएंगे
"मारे जाएंगे"
जो इस पागलपन शामिल नहीं होंगे
मारे जायेंगे।
कठघरे में खड़े कर दिये जायेंगे, जो विरोध में बोलेंगे
जो सच-सच बोलेंगे, मारे जायेंगे!
बर्दाश्त नहीं किया जायेगा कि किसी की कमीज हो
'उनकी' कमीज से ज्यादा सफेद
कमीज पर जिनके दाग नहीं होंगे, मारे जाएंगे!!
धकेल दिये जायेंगे कला की दुनिया से बाहर जो चारण नहीं
जो गुन नहीं गायेंगे, मारे जायेंगे!
धर्म की ध्वजा उठाने जो नहीं जायेंगे, जुलूस में।
गोलियाँ भून डालेंगी उन्हें काफिर करार दिये जायेंगे!!
सबसे बड़ा अपराध है इस समय
निहत्थे और निरपराध होना
जो अपराधी नहीं होंगे
मारे जायेंगे।