हिंदी भाषा और संप्रेषण/प्रेजेंटेशन अथवा प्रस्तुति

व्यावसायिक संप्रेषण में प्रस्तुती वास्तव में सूचनात्मक प्रस्तुति होती है। यह प्रायः पावर प्वायंट स्लाइड के साथ व्याख्यान के रूप में होती है।

इसके कई उद्देश्य हो सकते हैं। ये उद्देश्य सामानों के उत्पादन, बिक्री संबंधी योजनाओं से लेकर विज्ञापन, शोध आदि से संबंधित हो सकते हैं। यह दस-पंद्रह सहकर्मियों से लेकर बड़े सम्मेलन स्थल के सैंकड़ों संभावित ग्राहकों तक के लिए हो सकता है। बड़ी कंपनियों में संप्रेषण एवं प्रस्तुतिकरण पर ध्यान देने के लिए अलग से संप्रेषण निदेशक होता है।

व्यावसायिक संप्रेषण के लिए प्रस्तुति बनाने में ध्यान रखने योग्य बातें निम्नलिखित हैं-

१। संक्षिप्त रहें- प्रस्तुति में सूचनाएं संक्षिप्तरूप में दी जानी चाहिए। केवल मुख्य बिंदु को ही रखना चाहिए उसके विस्तार को व्याख्यान में बताना चाहिए। एक स्लाइड में एक विचार तथा तीन से पांच बिंदु रखने चाहिए।

२. सरल एवं स्पष्ट- प्रस्तुति में सूचनाएं सरल एवं स्पष्ट रूप में प्रदर्शित होनी चाहिए। न तो अनावस्यक आंकड़ों से प्रस्तुति को भरना चाहिए न हीं अनावस्यक डिजाइनों से।

३. संक्षिप्त पुनरावलोकन- व्यावसायिक प्रस्तुतियों में बीच में पिछले बिंदुओं को त्वरित रूप से दुबारा बताना चाहिए जिससे कि स्रोता उन्हें पुनः याद रखें जिससे वे आगे की सूचनाओं को सहजता से उससे जोड़ सकें। ४. सरल डिजाइन- प्रस्तुति का डिजाइन सरल रखना चाहिए। उसे अत्यधिक रंगों या डिजाइनों से आकर्षक बनाने की चेष्टा नहीं करनी चाहिए। अपनी कंपनी या सामग्री का लोगो जरूर शामिल करना चाहिए। यदि जरूरी हो तो आप दो-तीन तरह के फॉण्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

५. चित्र विडियोआदि का आवश्यकतानुरूप प्रयोग- यदि प्रस्तुति में आवश्यक हो तो चित्र और वीडियों का प्रयोग भी किया जा सकता है। किंतु ये चित्र या विडियो आपके संदेश को बेहतर रूप में प्रस्तुत करने में सहायक होने चाहिए।

६. ऐनिमेशन और ध्वनि का सचेत उपयोग- व्यावसायिक प्रस्तुतियों में कई बार ऐनिमेशन तथा ध्वनि का प्रयोग कई लोगों के लिए चिढ़ाने वाला होता है। इसलिए इनका प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए।