सर्वनाम हमेशा संज्ञा के स्थान पर कहा या बोला जाता है।

उपयोग सम्पादन

लिखते या बोलते समय बार-बार किसी का नाम लेना अच्छा नहीं लगता है और न ही यह व्याकरण के रूप में सही माना जाता है। किसी के बारे में बात करते समय उसका नाम केवल एक ही बार लेते हैं अर्थात संज्ञा का उपयोग करते हैं और जब तक कोई और संज्ञा का उपयोग नहीं हो जाता तब तक हम आसानी से उसके स्थान पर दूसरे शब्द अर्थात सर्वनाम का उपयोग कर सकते हैं।

इसमें अलग अलग प्रकार के शब्दों का उपयोग किया जाता है जैसे- यह, वह, वहाँ, यहाँ, इधर, उधर, उसने, इसने, उसकी, इसकी आदि।

उदाहरण
    • संज्ञा - रवि ने आज बहुत अच्छा खेला।
    • सर्वनाम - उसने आज बहुत अच्छा खेला।

ध्यान रहे, हिन्दी में पहले वाक्य में संज्ञा होना चाहिए। उसके बाद ही सर्वनाम का उपयोग होता है।

उदाहरण
  1. रवि ने बहुत अच्छा खेला था। उसने आज सबसे अधिक गोल किए। (यहाँ रवि संज्ञा है और उसने सर्वनाम है।)
  2. आज विजय ने हमें जीता दिया। उसने थोड़ी सी गेंदों पर सबसे ज्यादा रन बनाए। (यहाँ विजय संज्ञा है और उसने सर्वनाम है।)