हिंदी साहित्य का इतिहास (रीतिकाल तक)/हिंदी साहित्य : काल विभाजन और नामकरण
प्रत्येक इतिहास में अतीतकाल का अध्ययन किया जाता है और अध्ययन की सुविधा के लिए अतीत काल को कई कालखंडों या युगों में बांट दिया जाता है। प्रत्येक काल को किसी - न - किसी नाम से पुकारा जाता है। इसी प्रक्रिया को काल - विभाजन और नामकरण कहां जाता है।
काल विभाजन का एक सुसंगत आधार समाज में उत्पादन संबंधों का बदलना भी है। साहित्य के इतिहास का काल विभाजन जिस समाज के साहित्य का वह इतिहास है उस समाज के उत्पादन संबंधों के परिवर्तन के अनुसार ही होना चाहिए।