हिन्दी भाषा के विकास में कई तरह के बाधाओं का डेरा लगा हुआ है। हिन्दी लिखने के साधन तक का सही तरह से प्रचार नहीं हो पाता है। इस कारण कई लोगों को हिन्दी लिखना भी अच्छे से नहीं आता है। इसके अलावा कई समाचार पत्र वाले भी हिन्दी भाषा लिखने के साधन की जानकारी लोगों तक नहीं पहुँचाते हैं। इसके अलावा यह अखबार आदि वाले भारी मात्रा में हिन्दी शब्दों को छोड़ कर अंग्रेजी शब्दों का उपयोग करने लगे हैं। यह हिन्दी भाषा के विकास में सबसे बड़े बाधक बने हुए हैं। हिंदी भाषा को विष पिलाने में सरकार का बहुत बड़ा हाँथ है, एक तरफ एक राष्ट, और एक भाषा, कहते थकते नहीं, दूसरी तरफ अंग्रेजी स्कूल को बढ़ावा देते है।