इंटरनेट से तात्पर्य (स्वरूप)

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इंटरनेट तीव्रतम गति से सूचनाओं एवं आंकाडो का आदान-प्रदान करने वाला एक क्रियाशील माध्यम है। यह भिन्न-भिन्न कम्प्यूटरों का एक ऐसा क्रियाशील तंत्र है, जिसमें प्रत्येक कम्प्यूटर एक ऐसे माध्यम से जुड़ा होता है, जो अन्य कम्प्यूटर तंत्र से सूचनाओं एवं आंकडों का आदान-प्रदान करता है। इंटरनेट एक संग्रहालय की तरह है, जिसमें विश्व की राजनीति, खेल, कला-संस्कृति, विज्ञान के आयाम, मनोरंजन के साधन आदि से सबंधित अघावत जानकारियां संग्राहित होती है। इंटरनेट कोई एक संगठन या संस्था नहीं बल्कि दुनिया भर में फैले हुए छोटे-बड़े कम्प्यूटरों का एक विराट नेटवर्क (Network) या जाल है, जो टेलिफोन लाइनों के माध्यम से एक दूसरे से सम्पर्क करते है। यह इस समय संसार का सबसे बड़ा और लोकप्रिय नेटवर्क है। संसारभर के लगभग सभी नेटवर्क इंटरनेट से जुड़े हुए है, इसलिए इंटरनेट एक तरह से विभिन्न नेटवकों का समूह हैं, या नेटवकों का नेटवर्क है, जो लोकतांत्रिक शैली में कार्य करता है। विश्वव्यापी होने पर भी इस पर किसी का स्वामित्व या नियंत्रण नहीं है। नेटवर्क तीन प्रमुख भेद है- १) लोक एरिया नेटवर्क (LAN), २) मेट्रोपालिंटन एरिया नेटवर्क (MAN) और ३) वाइड एरिया नेटवर्क (WAN)

इंटरनेट का विकास

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संचार व्यक्ति और समाज की सहजात प्रवृति है, व्यक्ति की समाजशीलता जन्म एक अनिर्वाय आवश्यकता भी है। इसलिए संचार को सुलभ और प्रभावशाली बनाने के प्रयासो के साथ ही समाज का विकास होता गया है। वर्ता, कथा, मेले, उत्सव, लोककला आदि परम्परागत संचार माध्यमों से संचार विकास की यात्रा चल पड़ी थी। मुद्रण के अविष्कार के बाद डाक, समाचार, पत्र-पत्रिकाएं आदि के द्वारा संचार-प्रक्रिया का विस्तार हुआ। इलेक्ट्रानिक मध्यों के अविष्कार ने संचार प्रक्रिया को इतना व्यापक और प्रभावी बना दिया कि ये माध्यम हमारे जीवन के अभिन्न अंग बन गये है। रेडियों, टी.बी., दूरध्वनि, मोबाइल अब जीवन के अभिन्न अंग बन गये हैं।

कम्प्यूटर के आगमन के साथ संचार और संचार माध्यमों का स्वरूप ही बदल गया। जीवन के हर क्षेत्र में कम्प्यूटर का प्रयोग होने लगा। इसलिए कम्प्यूटर के अविष्कार को विज्ञान की मानवता को सबसे बड़ी देन कहा जाता है। कम्प्यूटर ने 'इंटरनेट' के अविष्कार की जमीन तैयार की और इंटरनेट के अविष्कार ने संचार माध्यों को नया स्वरूप प्रदान करते-करते 'न्यू मीडिया का तिलस्मी जाल निर्माण किया। सूचना क्रांति को सफलता प्रदान करने वाले इंटरनेट का अविष्कार लियोनार्ड क्लीन राॅक' ने किया। वस्तुत: इंटरनेट रूप और अमेरिका के मध्य चलनेवाले शीत युध्द के दौरान संचार-व्यवस्था को बनाये रखने के प्रयासों का परिणाम है। जाॅन एक कैनेडी के समय में क्यूबा संकट के फौरन बाद अमेरिका ने महसूस किया था। कि परमाणु हमले के खतरों से वह भी सुरक्षित नहीं हैं। इस तरह के हमले में सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाली चीज संचार-सम्पर्क व्यवस्था होती है।

संदर्भ

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१. प्रयोजनमूलक हिन्दी--- माधव सोनटक्के। पृष्ठ-- २०५, २०६