प्रतिवेदन (Report) सम्पादन

सरकारी कामकाज के प्रमुख अंग के रूप में जाँच ,तथ्यान्वेषण , सुझाव आदि के विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने की प्रणाली को प्रतिवेदन या रिपोर्ट कहा जाता है। प्रतिवेदन में वह सूचना या जानकारी प्रस्तुत की जाती है जो सावजनिक रूप में यथातथ्य ज्ञात नहीं किन्तु प्रतिवेदन प्रस्तुत करने वाला व्यकि्त या आयोग या समिति उसे सम्बध्य व्यकि्तयों या सरकार तक तथ्यों को यथासि्थति प्रस्तुत करते हैं। प्रतिवेदन एक या अनेक व्यकि्त , अधिकारी , सचिव तथा सरकार के दारा गठित आयोग , मण्डल प्रस्तुत करते हैं।

प्रतिवेदन में तथ्यों की यथासि्थति प्रस्तुत करने का प्रामाणिक प्रयास किया जाता है। उसमें प्रस्तुत की जाने वाली सभी बातें क्रमबध्द रूप से दी जाती हैं। विषय तथा सि्थति की गम्भीरता के अनुसार उसकी पृष्ठभूमि संक्षिप्ता अथवा विस्तृत भी हो सकती है । किन्तु जब प्रतिवेदन किसी विशेषज्ञ द्दारा प्रस्तुत किया जाता है तो वह विस्तृत रूप में विश्लेषणात्मक ही रहता है। समितियों , आयोगों तथा प्रतिनिधि मंडलों द्दारा प्रस्तुत किये गये प्रतिवेदनों में सम्बध्द विषय के अन्वेषण व जाँच का पूरा ब्योरा दिया जाता है। साक्ष्यों तथा प्रमाणों को क्रमशा: प्रतिवेदन में रखा जाता और अन्त में समिति या आयोग के निष्कर्ष को प्रस्तुत किया जाता है। यह निष्कर्ष सिफारिश के रूप में भी हो सकता है। अथवा सम्बध्द मामले को एकदम समाप्त करने के लिए भी हो सकता है। किन्तु कार्यवाही की सिफारिश का संकेत इस प्रकार के प्रतिवेदन में अवश्य रहता है।

संर्दभ सम्पादन

१. प्रयोजनमूलक हिन्दी: सिध्दान्त और प्रयोग -- --- दंगल झाल्टे पृष्ट--१८२