योग और हमारा स्वास्थ्य/शवासन
शवासन
सम्पादनमृत शरीर जैसे निष्क्रिय होता है, उसी प्रकार इस आसन में शरीर निष्क्रिय मुद्रा में होता है, अत: इसे शवासन कहा जाता है। इस आसन का अभ्यास कोई भी कर सकता है। यह शरीर को आराम प्रदान करने वाला योग है।
शवासन करने की विधि
सम्पादन- पीठ के बल लेट जाएं। इस अवस्था में पैर ज़मीन पर बिल्कुल सीधे होने चाहिए।
- सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों को अपनी अपनी दिशा में हल्का सा घुमाएं।
- दोनों हाथों को शरीर के दोनो तरह हिप्स से 6 से 8 इंच की दूरी पर फैलाकर रखें. इस स्थिति में हथेलियों को छत की दिशा में रखें।
- सांस छोड़ते हुए कंधे को ज़मीन से लगाएं और बांहों को कंधे से दूर ले जाएं।
- आंखों को धीरे धीरे बंद करें और इस मुद्रा में 5 से 20 मिनट तक बने रहें।
शवासन करने के लाभ
सम्पादन- थकान एवं मानसिक परेशानी की स्थिति में यह आसन शरीर और मन को नई उर्जा प्रदान करने वाला है।
- मानसिक तनाव को दूर करने के लिए भी इस आसन का अभ्यास बहुत ही अच्छा होता है।
- योग अभ्यास के दौरान सबसे अंत में इसका अभ्यास करना चाहिए इससे शरीर रिलैक्स हो जाता है।
- सिर दर्द, अनिद्रा और चिंता की स्थिति में शवासन बहुत ही लाभप्रद होता है।