"समसामयिकी 2020/अंतरराष्ट्रीय संस्थान": अवतरणों में अंतर
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शीतल सिन्हा (वार्ता | योगदान) |
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प्रादेशिक सागर (Territorial Sea-TS): यह बेसलाइन से 12 समुद्री मील की दूरी तक फैला हुआ होता है। इसके हवाई क्षेत्र, समुद्र, सीबेड और सबसॉइल पर तटीय देशों की संप्रभुता होती है एवं इसमें सभी जीवित और गैर-जीवित संसाधन शामिल हैं।
अनन्य आर्थिक क्षेत्र ( Exclusive Economic Zone-EEZ): EEZ बेसलाइन से 200 नॉटिकल मील की दूरी तक फैला होता है। इसमें तटीय देशों को सभी प्राकृतिक संसाधनों की खोज, दोहन, संरक्षण और प्रबंधन का संप्रभु अधिकार प्राप्त होता है।
===भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन===
IMO द्वारा घोषित नए नियमों के अनुसार, सभी व्यापारिक जहाज़ 1 जनवरी, 2020 से 0.5 प्रतिशत से अधिक सल्फर सामग्री वाले ईंधन का प्रयोग नहीं कर सकेंगे। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सल्फर सामग्री की यह सीमा 3.5 प्रतिशत तक थी।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के नए निर्णय का प्रभाव
इस संदर्भ में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) द्वारा जारी आधिकारिक सूचना के अनुसार, संगठन के इस निर्णय से जहाज़ों से उत्सर्जित होने वाले सल्फर ऑक्साइड (SOx) में 77 प्रतिशत की गिरावट आएगी।
जहाज़ों से सल्फर ऑक्साइड के उत्सर्जन में कटौती करने से अम्लीय वर्षा और समुद्र के अम्लीकरण को रोकने में भी मदद मिलेगी।
सल्फर ऑक्साइड के संबंध में यह नई सीमा जहाज़ों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम हेतु अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (MARPOL) का हिस्सा है। ज्ञात हो कि MARPOL अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के तत्त्वावधान में की गई एक प्रमुख पर्यावरण संधि है।
यह निर्णय सतत् विकास लक्ष्य (SDG) 14 - स्थायी सतत् विकास के लिये महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग - के साथ मेल खाता है।
===UNSC चुनावों से पूर्व भारत का 'प्राथमिकता पत्र' अभियान===
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