सामान्य अध्ययन २०१९/सेवा क्षेत्रक
- सबका विश्वास योजना (Sabka Vishwas Scheme) की शुरुआत करदाताओं के लंबित विवादों के निपटारे के लिये शुरु की गई इसके तहत अब तक लगभग 5,472 करोड़ रुपए के बकाए का निपटान किया जा चुका है। केंद्रीय बजट 2019-20 में घोषित इस योजना का उद्देश्य बकाया कर राशि वाले लोगों को आंशिक छूट देना और कर विवाद मामलों का जल्द-से-जल्द निपटारा करना है।
यह योजना 1 सितंबर, 2019 से लागू है तथा 31 दिसंबर, 2019 तक क्रियान्वित रहेगी। योजना के तहत बड़ी संख्या में करदाता सेवा कर और केंद्रीय उत्पाद कर से संबंधित अपने बकाया मामलो के समाधान का लाभ उठाएंगे। ये सभी मामले अब वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax-GST) के अंतर्गत सम्मिलित हो चुके हैं और इनके समाधान के परिणामस्वरूप करदाता GST पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
- इस योजना के दो प्रमुख भाग हैं- विवाद समाधान और बकाया कर में माफी
विवाद समाधान का लक्ष्य जीएसटी में सम्मिलित केंद्रीय उत्पाद और सेवा कर के बकाया मामलों का समाधान करना है। बकाया कर में माफी के तहत करदाता को बकाया कर देने का अवसर प्रदान किया जाएगा और करदाता कानून के अंतर्गत किसी भी अन्य प्रभाव से मुक्त रहेगा। इस योजना का सबसे आकर्षक प्रस्ताव सभी प्रकार के बकाया कर के मामलो में बड़ी राहत के साथ-साथ ब्याज, जुर्माना और अर्थदंड में पूर्ण राहत देना है। योजना के अंतर्गत न्यायिक अपील के लंबित सभी मामलों में 50 लाख रुपए या इससे कम के मामले में 70% और 50 लाख रुपए से अधिक के मामलों में 50% की राहत मिलेगी।
- जुलाई 2019 में वित्त विधेयक (Finance Bill), 2019 के अंतर्गत भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) को ऐसी संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति प्रदान की गई है जो इलेक्ट्रॉनिक डेटाबेस से छेड़छाड़ करती हैं या उन्हें नष्ट कर देती हैं अथवा सेबी द्वारा मांगी गई जानकारी को प्रस्तुत करने में विफल रहती हैं।
- वित्त विधेयक, 2019 के तहत सेबी अधिनियम (SEBI Act) में एक नई धारा (15HAA) जोड़ी गई है।
इस धारा के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी जाँच में बाधा डालने या उसे प्रभावित करने के उद्देश्य से आँकड़ों के साथ छेड़छाड़ करता है तो उस पर 10 करोड़ रुपए या इस कृत्य से प्राप्त गैरकानूनी लाभ की तीन गुना राशि, जो भी अधिक हो, तक का जुर्माना लग सकता है। इसके अतिरिक्त यदि कोई ब्रोकर अपने ग्राहकों को सेबी द्वारा निर्धारित प्रारूप में अनुबंध नोट जारी नहीं करता है तो सेबी उस पर 1 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगा सकती है। इससे पूर्व जुर्माने की यह राशि मात्र 1 लाख रूपए ही थी।
- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित सेबी का मुख्यालय मुंबई में है।
इसके मुख्य कार्य हैं -
- प्रतिभूतियों (Securities) में निवेश करने वाले निवेशकों के हितों का संरक्षण करना।
- प्रतिभूति बाज़ार (Securities Market) के विकास का उन्नयन करना तथा उसे विनियमित करना और उससे संबंधित या उसके आनुषंगिक विषयों का प्रावधान करना।
पर्यटन
सम्पादन- राष्ट्रीय पर्वतारोहण और संबद्ध खेल संस्थान (National Institute of Mountaineering and Allied Sports-NIMAS) के दीरांग स्थित कर्मचारियों का एक साइक्लिंग अभियान दल 25 दिसंबर,2019 को यांगो (म्यांमार) पहुंचा।
अरुणाचल प्रदेश के पश्चिम कामेंग जिले में स्थित है तथा इस संस्थान ने 30 मई, 2013 से प्रभावी कार्य करना शुरू किया है। यह संस्थान भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के नियंत्रण और अधीक्षण के तहत काम करता है। संस्थान में केंद्रीय और अरुणाचल प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों के साथ सात सदस्यीय गवर्निंग काउंसिल है। संस्थान के अध्यक्ष की भूमिका केंद्रीय रक्षा मंत्री तथा उपाध्यक्ष की भूमिका अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा निभाई जाती है। यह संस्थान न केवल राज्य में बल्कि भारत में भी अपनी तरह का पहला संस्थान है जो नागरिकों की विभिन्न प्रकार की चुनौतियों के समाधान का अनुभव करने के साथ-साथ साहसिक खेलों में कैरियर बनाने का अवसर देता है। इसके अलावा यह संस्थान एक सतत् लक्ष्य के साथ स्थायी रोजगार के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था में योगदान देता है।
- 25 दिसंबर, 2019 को भारतीय रेलवे ने कालका-शिमला मार्ग पर एक विशेष ट्रेन “हिम दर्शन एक्सप्रेस” की शुरुआत की।
हिम दर्शन एक्सप्रेस भारतीय रेलवे द्वारा विस्टाडोम कोच (शीशे की छत वाले कोच) वाली पहली ट्रेन है जो नियमित रूप से चलेगी। विस्टाडोम कोच के होने से पर्यटकों को 95.5 किमी. लंबे कालका-शिमला मार्ग पर वातानुकूलित ट्रेन में बड़ी काँच की खिड़कियों के साथ प्रकृति को करीब से महसूस करने का मौका मिलेगा। यह विशेष ट्रेन कालका और शिमला स्टेशन के बीच अगले एक साल के लिये 24 दिसंबर,2020 तक चलेगी।
- कालका शिमला रेलवे लाइन को वर्ष 2008 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था और इसे “भारत के पर्वतीय रेलवे” के तहत सूचीबद्ध किया गया था।
कालका -शिमला रेलवे के अलावा दो अन्य भारत के पर्वतीय रेलवे हैं:
- पश्चिम बंगाल में हिमालय की तलहटी में स्थित दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (पूर्वोत्तर भारत)
- नीलगिरि पर्वत रेलवे तमिलनाडु के नीलगिरि पहाड़ियों में स्थित है (दक्षिण भारत)
- गृह मंत्रालय ने पर्वतारोहण (Mountaineering) और ट्रेकिंग (Trekking) के लिये जम्मू और कश्मीर,हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड तथा सिक्किम में स्थित 137 पर्वत चोटियों को खोलने की घोषणा की। इनमें प्रमुख चोटियाँ है
- जम्मू और कश्मीर-सेरो किथेश्वर,तानक और बरमल चोमचोर,एगर,कैलाश,अग्यसोल,गोलपंकरी,उमासी आदि ।
- उत्तराखंड-भृगु पर्वत,चिरबस पर्वत,भृगुपंत,बालकुन,अवलंच,कालीधंग आदि राज्य में खोले गए कुछ शिखर हैं
- सिक्किम- काबरू उत्तर, काबरू डोम, काँटेदार चोटी, जोपोनो, गोछा चोटी, काबरू साउथ और कंचनजंगा दक्षिण।
- हिमाचल प्रदेश- कुल्लू पुमोरी,पार्वती दक्षिण,कुल्लू ईगर,कुल्लू मकालू,सुगंधित शिखर और पिरामिड पर्वत।
यह निर्णय भारत में पर्यटन को बढ़ावा देगा तथा इससे देश की अर्थव्यवस्था में भी योगदान मिलेगा। वर्तमान में, विदेशियों को इन चोटियों पर चढ़ने के लिये रक्षा और गृह मंत्रालयों से अनुमति लेनी होती है। सरकार द्वारा इन्हें खोलने के बाद, विदेशी अब परमिट के लिये सीधे भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन (Indian Mountaineering Department) पर आवेदन कर सकते हैं। हाल ही में ई वीज़ा को एक साल से बढ़ाकर पाँच साल कर दिया है और पीक सीजन के दौरान वीज़ा की कीमत को 25 डॉलर से घटाकर 10 डॉलर करने का निर्णय लिया गया है। 137 चोटियों में से 51 उत्तराखंड में, 24 सिक्किम में, 47 हिमाचल प्रदेश में और 15 जम्मू-कश्मीर में हैं।
- नई दिल्ली में 2 अक्तूबर को आयोजित पर्यटन पर्व 2019 महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को समर्पित है। 2 से 13 अक्तूबर, 2019 तक यह पर्व पूरे देश भर में मनाया गया।
पर्यटन पर्व के तीन घटक हैं:-
- देखो अपना देश:- इस पहल के माध्यम से विदेशों में रह रहे भारतीयों को अपने देश की यात्रा के लिये प्रोत्साहित करना है। पर्यटन पर्व के तहत देश भर में कई गतिविधियों जैसे कि फोटोग्राफी प्रतियोगिता, पर्यटन के आकर्षण और अनुभवों को कवर करना, सोशल मीडिया पर प्रोत्साहन, पर्यटन से संबंधित प्रश्नोत्तरी, निबंध, वाद-विवाद तथा छात्रों के लिये चित्रकारी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। आयोजन हेतु सामान्य सार्वजनिक भागीदारी को MyGov मंच के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा।
- सभी के लिये पर्यटन:- देश के सभी राज्यों में पर्यटन कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों के तहत उस क्षेत्र के नृत्य, संगीत, रंगमंच, सांस्कृतिक कथाएँ, आसपास के हितधारकों के लिये सेंसिटाइज़ेशन प्रोग्राम (Sensitisation Programmes), पर्यटन प्रदर्शनियाँ, प्रदर्शन संस्कृति, भोजन और हस्तशिल्प/हथकरघा आदि गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
- पर्यटन और शासन:- पर्यटन पर्व के एक भाग के रूप में विभिन्न विषयों पर देश भर में हितधारकों के साथ पारस्परिक संवाद और कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी।
- स्वदेश दर्शन योजना की शुरूआत पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2014-15 में पर्यटन स्थलों के थीम आधारित एकीकृत विकास के लिये की। इसका उद्देश्य देश में योजनाबद्ध और प्राथमिकता के तौर पर खास विशेषता वाले सर्किटों का विकास करना ।
इस योजना के तहत सरकार जहाँ एक ओर पर्यटकों को बेहतर अनुभव और सुविधाएँ देने के उद्देश्य से गुणवत्तापूर्ण ढाँचागत विकास पर ज़ोर दे रही है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक वृद्धि को भी प्रोत्साहित कर रही है।
- तीर्थस्थल संरक्षण एवं आध्यात्मिक विकास के लिये ‘प्रसाद’ (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive-PRASHAD) परियोजना की शुरुआत की है।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्येश्य से मुंबई को एलीफेंटा गुफाओंसे जोड़नेवाली परियोजना पर जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है।
8 किलोमीटर लंबी यह रोपवे मुंबई के पूर्वी तट के सेवरी से शुरू होगी और रायगढ़ ज़िले के एलीफेंटा द्वीप पर समाप्त होगी। समुद्र के ऊपर देश की यह पहली और सबसे लंबी रोपवे परियोजना है जिसे मुंबई पोर्ट ट्रस्ट,जहाज़रानी मंत्रालय के अधीन निष्पादित किया जाना है।
- मुंबई से दूर एलीफेंटा द्वीपों पर स्थित एलीफेंटा गुफाओं को वर्ष 1987 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था, जिसकी वजह से भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI),भारतीय नौसेना के अलावा तटरक्षक और पर्यावरण मंत्रालय से भी मंज़ूरी लेनी अनिवार्य होती है।
लगभग 700 करोड़ रुपए की इस परियोजना पर निर्माण कार्य इस वर्ष के अंत तक शुरू होने की संभावना है जिसके पूरा होने में लगभग 42 महीने लगेंगे। 30-सीटर रोपवे द्वारा इस यात्रा को लगभग 14 मिनट में पूरा किया जा सकेगा जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। एलीफेंटा गुफा में लगभग सात लाख आगंतुक वर्ष भर में दर्शन करते हैं, यह मुंबई के आस-पास के दर्शनीय स्थलों में से एक हैं। वर्तमान में मुंबई से 10 किलोमीटर की क्रूज़ से इस दूरी के लिये लगभग एक घंटे का समय लगता है।
- विश्व यात्रा,पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक 2019 में भारत को में 34वाँ स्थान प्राप्त हुआ। विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum- WEF) द्वारा प्रकाशित।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भारत की रैंकिंग 40वीं थी। रैंकिंग में सुधार का सबसे महत्त्वपूर्ण कारण भारत का समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक संसाधनों तथा बाज़ार में कम मूल्य पर वस्तुओं की उपलब्धता से प्रेरित होना है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में भारत को इस सबसे प्रतिस्पर्द्धी यात्रा-पर्यटन अर्थव्यवस्था का दर्जा हासिल है। चीन, मेक्सिको, मलेशिया, थाईलैंड, ब्राज़ील और भारत भले ही उच्च आय वाली अर्थव्यवस्था नहीं हैं लेकिन सांस्कृतिक संसाधन एवं व्यापारिक यात्रा के क्षेत्र में शीर्ष 35 देशों में शामिल हैं। एक उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण से भारत का वायुमार्ग के बुनियादी ढाँचे में 33वाँ, बुनियादी एवं बंदरगाह ढाँचे में 28वाँ, अंतर्राष्ट्रीय स्वीकार्यता में 51वाँ, प्राकृतिक सौंदर्य में 14वाँ तथा सांस्कृतिक संसाधन के क्षेत्र में 8वाँ स्थान है। भारत ने अपने कारोबारी माहौल, बुनियादी ढाँचे तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी तत्परता के क्षेत्र में भी काफी सुधार किया है। हालाँकि भारत को अभी भी अपने व्यापार सुगमता, पर्यटन सेवा के बुनियादी ढाँचे तथा पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ाने की आवश्यकता है। विश्व यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता सूचकांक में शामिल 140 देशों में स्पेन को शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ है, उसके बाद क्रमशः फ्राँस, जर्मनी और जापान तथा संयुक्त राज्य अमेरिका का स्थान है।
- चिकित्सा वीज़ा व्यवस्था का उदारीकरण(Liberalization of medical visa regime)
भारत सरकार ने चिकित्सा वीज़ा व्यवस्था को और उदार कर दिया है तथा विदेशियों को अपने प्राथमिक (मूल) वीज़ा पर पूर्व-मौजूदा बीमारियों (अंग प्रत्यारोपण के मामलों को छोड़कर) के लिये इनडोर उपचार प्राप्त करने की अनुमति दी है।
यदि कोई विदेशी किसी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होना चाहे तो प्राथमिक वीज़ा को मेडिकल वीज़ा में आसानी से परिवर्तित किया जा सकेगा। जो विदेशी पहले से ही वैध वीज़ा पर भारत में हैं, उनके बीमार पड़ने की स्थिति में चिकित्सा उपचार लेने में उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। कुछ अस्पतालों द्वारा उन्हें सलाह दी जा रही थी कि वे अस्पतालों/चिकित्सा केंद्रों में भर्ती होने से पहले अपने वीज़ा को मेडिकल वीज़ा में परिवर्तित करवा लें। भारत सरकार ने पिछले साल इस प्रक्रिया को पहले ही संशोधित कर दिया था, जो विदेशियों को बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती होने के लिये 180 दिनों तक के लिये इनडोर उपचार प्राप्त करने हेतु चिकित्सा वीज़ा में परिवर्तित होने से छूट देती है। सरकार द्वारा किये गए नए प्रावधान इस प्रकार हैं: सामान्य रोग से पीड़ित एक विदेशी, जिसे केवल ओपीडी परामर्श/उपचार की आवश्यकता है, अपने प्राथमिक वीज़ा पर किसी भी अस्पताल/उपचार केंद्र में उपचार करा सकता है। 180 दिनों अथवा उससे कम समय तक इनडोर चिकित्सा उपचार के मामले में ठहरने की अवधि विदेशी के प्राथमिक वीज़ा के आधार पर निर्धारित की जाएगी। इनडोर उपचार अब प्राथमिक (मूल) वीज़ा पर उन बीमारियों के लिये भी कराया जा सकता है, जिनसे विदेशी भारत में अपने प्रवेश से पहले ही पीड़ित था तथा जो उसके संज्ञान में थी। ऐसी बीमारियाँ जिसमें अंग प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है उनके उपचार की अनुमति केवल मेडिकल वीज़ा पर दी जाएगी।
- पाटा स्वर्ण पुरस्कार 2019
पाटा (पैसेफिक-एशिया ट्रैवल एसोसिएशन) स्वर्ण पुरस्कार 2019 [PATA (Pacific Asia Travel Association) Gold Award 2019] का विजेता भारत के अतुल्य भारत ‘फाइंड द इन्क्रेडेबल यू’ (Incredible India ‘Find the Incredible You’) अभियान को घोषित किया गया है। एशिया-पैसेफिक क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिये पाटा स्वर्ण पुरस्कार दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि भारतीय पर्यटन मंत्रालय ने वर्ष 2018-19 के दौरान अतुल्य भारत ‘फाइंड द इन्क्रेडेबल यू’ अभियान विश्व स्तर पर जारी किया था। पर्यटन मंत्रालय ‘अतुल्य भारत ब्रांड’ के तहत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक वर्ष मीडिया अभियान चलाता है। इस अभियान को टेलीवीज़न, प्रिंट, डिज़िटल और सोशल मीडिया में प्रसारित किया जाता है। इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिये अतुल्य भारत 2.0 अभियान को सितंबर 2017 में लॉन्च किया गया था। इस अभियान की मुख्य विशेषता संभावित बाज़ार को ध्यान में रखते हुए कंटेंट का निर्माण करना था। अभियान 2.0 के तहत मंत्रालय द्वारा पाँच नए टेलीविज़न कॉमर्शियल भी बनाए गए, जिन्हें टेलीविज़न, डिज़िटल और सोशल मीडिया पर विश्व भर में प्रसारित किया गया। योगः ‘रेसट्रैक का योगी’ आरोग्यः ‘मिस्टर एंड मिसेज जोन्स का पुनर्जन्म’ विलासिताः ‘मैनहटन की महारानी’ खान-पानः ‘मसाला मास्टर शेफ’ वन्यजीवनः ‘पेरिस में वन्य संरक्षण क्षेत्र’ अभियान की रणनीति के तहत गंतव्य स्थलों के अनुभव के स्थान पर यात्रियों के अनुभव को विशेष महत्त्व दिया गया। यात्रियों के अनुभव को यात्रियों की आत्मकथा के रूप में सामने रखा गया। इसकी टैग लाइन थी- ‘फाइंड द इन्क्रेडेबल यू’।
सेवा व्यापार प्रतिबंध सूचकांक (Services Trade Restrictiveness Index- STRI) की शुरुआत 2014 में आर्थिक सहयोग और विकास संगठन द्वारा की गई थी। इसमें साधारणत: 45 देशों को शामिल किया जाता है जिसमें 36 OECD देश एवं बाकी गैर-ओईसीडी. देश शामिल हैं। यह 22 क्षेत्रों (जैसे- कंप्यूटर सेवा, हवाई परिवहन, कानूनी सेवा, निर्माण) में सेवा व्यापार को प्रभावित करने वाले नियमों की जानकारी प्रदान करता है। यह सूचकांक विदेशी निवेश, विदेशों से लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध, प्रतिस्पर्द्धा में बाधाएँ, नियमन में पारदर्शिता को लेकर और अन्य भेदभावपूर्ण नीतियों के आधार पर गणना करता है। STR सूचकांक में शून्य और एक के बीच अंक प्रदान किया जाता है। ‘शून्य’ सेवा व्यापार में सबसे कम प्रतिबंध, जबकि ‘एक’ सबसे अधिक प्रतिबंध को सूचित करता है।