हिंदी आलोचना की यह पुस्तक दिल्ली विश्वविद्यालय के स्नातक प्रतिष्ठा के पाठ्यक्रम के अनुसार तैयार किया गया है।

विषय सूची सम्पादन

  1. हिंदी आलोचना का विकास : भारतेंदु युग से द्विवेदी युग तक
  2. /छायाबादयुगीन आलोचना
    1. काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था - रामचंद्र शुक्ल
    2. साहित्य का उद्देश्य - प्रेमचंद
    3. छायावाद और यथार्थवाद - प्रसाद
    4. आधुनिक साहित्य : नई मान्यताएँ, - हजारीप्रसाद द्विवेदी
  3. नई कविता के युग की आलोचना
    1. तुलसी साहित्य में सामन्त-विरोधी मूल्य - रामविलास शर्मा
    2. दूसरा सप्तक की भूमिका - अज्ञेय
    3. नई कविता का आत्मसंघर्ष - मुक्तिबोध
    4. शमशेर की काव्यानुभूति की बनावट - विजयदेव नारायण साही
  4. नव लेखन के युग की आलोचना (कथा आलोचना)
    1. नयी कहानी : सफलता और सार्थकता - नामवर सिंह
    2. कहानी की पाठ-प्रक्रिया : कथा के स्तरों का पक्ष - सुरेंद्र चौधरी
    3. संदर्भ की खोज - नेमिचंद्र जैन
    4. रेणु : समग्र मानवीय दृष्टि - निर्मल वर्मा/